इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने महाकुंभ में आने वाले लोगों के लिए भाषिणी मोबाइल एप्लीकेशन के उपयोग से प्रयागराज में महाकुंभ में तकनीकी सहायता की पेशकश की है। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु 13 जनवरी से 26 फरवरी तक इसका उपयोग कर सकते हैं। भाषिणी का लक्ष्य प्रश्नों और नेविगेशन के लिए बहुभाषी समाधान के साथ महाकुंभ 2025 में आगंतुकों के अनुभव को और बेहतर बनाना है।
लोगों को भाषाओं को समझने के लिए सहायता की आवश्यकता
मंत्रालय के अनुसार महाकुंभ में देशभर के साथ-साथ विदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं को प्रयागराज और आस-पास के क्षेत्रों में बोली जाने वाली भाषाओं को समझने के लिए सहायता की आवश्यकता हो सकती है। भाषिणी मोबाइल एप्लीकेशन की ‘कन्वर्ज़’ (वार्तालाप) सुविधा, श्रद्धालुओं को इस बड़े आयोजन में यूपी पुलिस की 112 आपातकालीन हेल्पलाइन इकाई के साथ सहज संचार की सुविधा प्रदान करेगी।
उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग ने भाषिणी ऐप के साथ मिलकर फील्ड अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है जिससे वो ऐप में मौजूद वार्तालाप सुविधा का उपयोग करके भाषा को समझने सम्बंधी मदद मांगने वाले परेशान श्रद्धालुओं की शिकायतों को समझें।
भाषा अनुवाद इकोसिस्टम ‘डिजिटल खोया और पाया समाधान’
भाषिणी का भाषा अनुवाद इकोसिस्टम ‘डिजिटल खोया और पाया समाधान’ के माध्यम से दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम में भाग लेने वालों की इस तरह मदद करेगा –
- बहुभाषी समर्थन
- स्थानीय भाषाओं में मौखिक रूप से खोई/पाई गई वस्तुओं को पंजीकृत करें
- आसान संचार के लिए वास्तविक समय पाठ/ध्वनि अनुवाद
- चैटबॉट सहायता: प्रश्नों और कियोस्क नेविगेशन के लिए बहुभाषी चैटबॉट
- मोबाइल ऐप और कियोस्क एकीकरण: दिशानिर्देशों का स्थानीय भाषाओं में अनुवाद
- पुलिस सहयोग: अधिकारियों के साथ निर्बाध संचार सक्षम करें
महाकुंभ 2025 के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कुंभ सहयोगी चैटबॉट
आपको बता दें कि पीएम मोदी ने एआई-संचालित, बहुभाषी, वॉयस-सक्षम चैटबॉट कुंभसहायक पहले से ही लॉन्च कर रखा है जो महाकुंभ 2025 के दौरान लाखों आगंतुकों की सहायता के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह बॉट अत्याधुनिक एआई तकनीकों (जैसे लामा एलएलएम) द्वारा संचालित है। कुंभसहायक चैटबॉट सभी को सहज, वास्तविक समय की जानकारी और नेविगेशन सहायता प्रदान करके आगंतुकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए तैयार किया गया है।
गौरतलब हो, भाषिणी का भाषा अनुवाद चैटबॉट को 11 भाषाओं में सपोर्ट करता है, जिसमें हिंदी, अंग्रेजी और 9 अन्य भारतीय भाषाएं शामिल हैं।