भूटान के राजा महामहिम जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने असम का दौरा किया। उन्होंने जोगीघोपा में अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल (आईडब्ल्यूटी) और मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) की सुविधाओं का निरीक्षण किया। भूटान नरेश शनिवार को शाही हेलीकॉप्टर से असम पहुंचे। उनका हेलीकॉप्टर एमएमएलपी के अंदर उतरा। राजा का स्वागत असम के सार्वजनिक स्वास्थ्य और इंजीनियरिंग विभाग के मंत्री जयंत मल्ला बरुआ ने किया।
जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क का निरीक्षण करने के लिए आए थे
बरुआ ने एक्स पर लिखा, “आज सुबह, माननीय मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा के निर्देशानुसार, मुझे भूटान के राजा महामहिम जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक जी का असम में स्वागत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। वह भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) का निरीक्षण करने के लिए आए थे, जो वर्तमान में भारतमाला परियोजना के तहत निर्माण के अंतिम चरण में है।”
भूटान नरेश ने अंतर्देशीय जल परिवहन का भी किया दौरा, जो ब्रह्मपुत्र नदी पर निर्माणाधीन है
मंत्री ने बताया कि एमएमएलपी के अलावा, भूटान नरेश ने अंतर्देशीय जल परिवहन (आईडब्ल्यूटी) का भी दौरा किया, जो ब्रह्मपुत्र नदी पर निर्माणाधीन है। उन्होंने कहा, ”मैं असम के प्रति महामहिम के स्नेह से सचमुच अभिभूत हूं और हमारे राज्य की इस भव्य यात्रा के लिए उनका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।’ भारत सरकार ‘पड़ोसी पहले’ नीति के तहत भूटान के साथ लोगों के बीच संबंधों को बढ़ाने और व्यापार, आर्थिक सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए कई कनेक्टिविटी पहल कर रही है।
भारत और भूटान के बीच दोस्ती-सहयोग के अनूठे संबंध हैं, जो सभी स्तरों पर आपसी समझ, विश्वास और अत्यंत सद्भावना पर आधारित हैं
जोगीघोपा में आईडब्ल्यूटी, आर्थिक विकास और क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना है। इसका उद्घाटन इस वर्ष फरवरी में किया गया था। भारत और भूटान के बीच दोस्ती-सहयोग के अनूठे संबंध हैं, जो सभी स्तरों पर आपसी समझ, विश्वास और अत्यंत सद्भावना पर आधारित हैं। महामहिम भूटान नरेश की जोगीघोपा, असम की यात्रा दोनों देशों के बीच नियमित उच्च-स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा के अनुरूप है। (इनपुट-आईएएनएस)