संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान आज (शुक्रवार) लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच एक देश-एक चुनाव से जुड़ा 129 वां संविधान संशोधन विधेयक संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11:00 बजे शुरू होते ही विपक्ष ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के मुद्दे पर शोर-शराबा शुरू कर दिया। विपक्षी सदस्य सदन के बीचों बीच पहुंच गए। इस दौरान सदन के नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी उपस्थित थे।
विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संविधान संशोधन विधेयक को संसद की संयुक्त कार्य समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा। हंगामे के बीच प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर सदन की अनुमति प्रदान की गई। जेपीसी में 27 सदस्य हैं। इनमें से 12 राज्यसभा से हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को सदन में एक अहम घोषणा की है। उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल, संसद सदस्य या सदस्यों का समूह संसद भवन के द्वार पर धरना या प्रदर्शन आयोजित नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि संसद भवन का परिसर और उसकी प्रतिष्ठित संस्था की गरिमा को बनाए रखना सभी सांसदों की सामूहिक जिम्मेदारी है। ओम बिरला ने सदस्यों को चेताया कि संसद परिसर धरना या प्रदर्शन के लिए नहीं है। ऐसा करने पर कार्यवाही भी की जा सकती है।
इसके बाद वंदेमातरम के साथ ही कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।