अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद से ही दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन लगातार मजबूती के नए रिकॉर्ड बना रही है। आज (मंगलवार) के कारोबार में ये आभासी मुद्रा 90 हजार डॉलर के काफी करीब पहुंच गई। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत का रुझान आने के बाद से ही इस क्रिप्टो करेंसी में तेजी का रुख बना है और पिछले एक हफ्ते में ही इसने करीब 32 प्रतिशत की छलांग लगाई है। माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक बिटकॉइन 1 लाख डॉलर के स्तर तक भी पहुंच सकता है।
चुनाव से लेकर अब तक बिटकॉइन की कीमत में 32.03 प्रतिशत का इजाफा
अमेरिका में चुनाव होने के 1 दिन पहले 4 नवंबर को बिटकॉइन 66,834 डॉलर के स्तर पर कारोबार कर रहा था, जबकि 6 नवंबर को जैसे ही अमेरिका में हुए चुनाव की काउंटिंग में मिल रहे रुझानों से डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ होता नजर आया, वैसे ही ये क्रिप्टो करेंसी 76,401.40 डॉलर के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई। इसके बाद 10 नवंबर को बिटकॉइन ने 80,092 डॉलर के स्तर पर पहुंच कर मजबूती का नया रिकॉर्ड बनाया। इसके अगले दिन 11 नवंबर को बिटकॉइन ने 81,800 डॉलर तक की छलांग लगाई, जबकि आज इस क्रिप्टो करेंसी में 89,604.50 डॉलर के सर्वोच्च स्तर तक पहुंचने में सफलता हासिल की। अमेरिका में चुनाव वाले दिन से लेकर अभी तक बिटकॉइन की कीमत 32.03 प्रतिशत तक तेज हो चुकी है।
क्रिप्टो करेंसी की कीमत में तेजी की वजह डोनाल्ड ट्रंप का चुनावी वादा
जानकारों को कहना है कि बिटकॉइन समेत दूसरे क्रिप्टो करेंसी की कीमत में तेजी आने की सबसे बड़ी वजह डोनाल्ड ट्रंप का वो चुनावी वादा है, जिसमें उन्होंने क्रिप्टो करेंसीज के लिए सपोर्टिव रूल बनाने की बात कही है। अपने चुनाव प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में बिटकॉइन रिजर्व बनाने और घरेलू स्तर पर क्रिप्टो करेंसीज की माइनिंग को बढ़ावा देने के साथ ही डिजिटल एसेट्स के लिए रेगुलेटर की नियुक्ति करने की बात भी कही थी।
1 साल से कम समय में दोगुना से भी दिया अधिक रिटर्न
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन की कीमत में इस साल जनवरी से लेकर अभी तक की अवधि में 51 हजार डॉलर से अधिक की तेजी आ चुकी है। इस साल 23 जनवरी को बिटकॉइन 38,500 के स्तर तक गिर गया था, लेकिन उसके बाद इस क्रिप्टो करेंसी की कीमत में काफी तेजी आई है। इस साल 23 जनवरी की कीमत की तुलना में बिटकॉइन की कीमत करीब 51,100 डॉलर उछल चुकी है। यानी 1 साल से भी कम समय में इस क्रिप्टो करेंसी ने दोगुना से भी अधिक रिटर्न दिया है। जानकारों का कहना है कि बिटकॉइन की कीमत में आई तेजी को अमेरिकी इक्विटी ट्रेडेड फंड्स से काफी सपोर्ट मिला है। इसके साथ ही यूएस फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती करने से भी बिटकॉइन समेत तमाम क्रिप्टो करेंसीज के लिए पॉजिटिव माहौल बना है। अब डोनाल्ड ट्रंप की जीत में भी क्रिप्टो करेंसी मार्केट को जबरदस्त सपोर्ट दिया है, जिसके कारण ज्यादातर प्रमुख क्रिप्टो करेंसीज में तेजी का रुख बना हुआ है।
पिछले एक सप्ताह के दौरान ज्यादातर क्रिप्टो करेंसी में तेजी का रुख
क्रिप्टो करेंसीज मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि पिछले एक सप्ताह के दौरान ज्यादातर क्रिप्टो करेंसी में तेजी का रुख बना हुआ है, लेकिन आने वाले दिनों में इसमें प्रॉफिट बुकिंग की वजह से गिरावट का रुख भी बन सकता है। मार्केट एक्सपर्ट विनीत जैन का कहना है कि नवंबर महीने के अंत में बिटकॉइन समेत ज्यादातर क्रिप्टो करेंसीज की कीमत में मामूली गिरावट आ सकती है, लेकिन इसके बाद दिसंबर में एक बार फिर ज्यादा क्रिप्टो करेंसीज में तेजी का रुख बनेगा। अगर वैश्विक हालात में कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ, तो इस साल के अंत तक क्रिप्टो करेंसी मार्केट का सरताज बिटकॉइन पहली बार 1 लाख डॉलर के स्तर को भी पार कर सकता है।
हिंदुस्थान समाचार