लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने युवाओं से आग्रह किया कि वे शक्ति और प्रेरणा प्राप्त करने के लिए पुस्तकें पढ़ें। उन्होंने कहा कि पुस्तकें न केवल ज्ञान का भंडार हैं बल्कि हमारे मार्गदर्शक भी हैं। ये व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर हमें सही दिशा दिखाती हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारी विचारधारा और विरासत को पोषित करती हैं।
ओम बिरला ने यह बात नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले 2025 के उद्घाटन पर कही। इस दौरान उन्होंने प्रसिद्ध पत्रकार और राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी द्वारा लिखित दो पुस्तकों – “स्त्री-देह से आगे” और “माइंड बॉडी इंटेलेक्ट” का विमोचन किया।
ओम बिरला ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि चुनौतीपूर्ण समय में पुस्तकों का महत्व और बढ़ जाता है। पुस्तकें हमें न केवल ज्ञान देती हैं बल्कि कठिनाइयों से उबरने की शक्ति और सही निर्णय लेने की समझ भी प्रदान करती हैं। उन्होंने पुस्तक मेले को “ज्ञान और संस्कृति का महाकुंभ” बताते हुए कहा कि यह समाज को आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
उन्होंने इस वर्ष के पुस्तक मेले के शुभ संयोग पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह मेला महाकुंभ मेला 2025 और भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया है। जहां प्रयागराज में महाकुंभ आस्था और भक्ति का प्रतीक है वहीं नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला “ज्ञान का महाकुंभ” है।
ओम बिरला ने गुलाब कोठारी की पुस्तकों को सराहा
ओम बिरला ने गुलाब कोठारी के विचारों और लेखन की सराहना करते हुए कहा कि वे सिर्फ पत्रकार नहीं, बल्कि एक गहरे विचारक, दार्शनिक और मानवतावादी भी हैं।
“स्त्री-देह से आगे” पुस्तक की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें वेदों और आधुनिक दृष्टिकोण से महिलाओं के सम्मान और गरिमा पर महत्वपूर्ण विचार रखे गए हैं। वहीं, “माइंड बॉडी इंटेलेक्ट” पुस्तक के बारे में उन्होंने कहा कि यह पाठकों को आत्मिक और बौद्धिक विकास की प्रेरणा देगी और उन्हें जीवन को गहराई से समझने में मदद करेगी। ओम बिरला ने कहा कि युवाओं को किताबों को अपना साथी बनाना चाहिए। ये न सिर्फ उन्हें ज्ञान और प्रेरणा देंगी, बल्कि उनका भविष्य भी संवारेंगी।