केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज गुरुवार को राजस्थान के आबू रोड में ब्रह्माकुमारी संस्थान के कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान पूरी दुनिया में योग और ध्यान के माध्यम से शांति और आध्यात्म का दीप जला रहा है। उन्होंने संस्थान को भारतीय संस्कृति का दूत बताते हुए इसके कार्यों की सराहना की। अमित शाह ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान का प्रयास हर व्यक्ति के अंदर की अच्छाई को जगाना है और यह काम वह लंबे समय से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां आते ही एक शांति का अनुभव होता है, जो यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा से संभव है।
उन्होंने कहा कि जब किसी को जीवन में सच्चा गुरु मिल जाता है, तो वह सही मार्ग पर चलता है। ऐसे लोग दूसरों के जीवन को भी रोशनी से भर देते हैं। शाह ने ब्रह्माकुमारी संस्थान के संस्थापक लीलाराज कृपलानी (पूज्य ब्रह्मा बाबा) को याद करते हुए कहा कि उन्होंने आत्मा को प्रकाशमय बनाने और जीवन को श्रेष्ठ मार्ग पर ले जाने का संदेश दिया, जो आज समाज पर गहरा प्रभाव डाल रहा है। इस मौके पर दो कार्यक्रम आयोजित किए गए पहला, 2025-26 के लिए संस्थान की थीम ‘विश्व एकता और विश्वास के लिए ध्यान’ का शुभारंभ और दूसरा- सुरक्षा बलों के आत्म-सशक्तिकरण पर राष्ट्रीय संवाद का उद्घाटन।
गृहमंत्री ने कहा कि आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और 2047 तक स्वतंत्रता की शताब्दी पर भारत को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि भारत की परंपराएं पूरे विश्व को भाईचारे और शांति की राह दिखा सकती हैं और ब्रह्माकुमारी जैसा संगठन इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की सुरक्षा बलों की निःस्वार्थ सेवा के कारण ही देश आज सुरक्षित है। उन्होंने सेना, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और राज्य पुलिस के योगदान को सराहा और कहा कि उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। शाह ने ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा सुरक्षा बलों को तनाव से राहत दिलाने के लिए किए गए 25 वर्षों के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने भारत की योग और अध्यात्म की परंपरा को याद करते हुए कहा कि “वसुधैव कुटुंबकम” यानी पूरी दुनिया एक परिवार है, यह विचार भारत की उपनिषदों से आया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस शुरू किया गया, जिससे आज दुनियाभर में करोड़ों लोग योग और ध्यान को अपना रहे हैं।शाह ने ब्रह्माकुमारी संस्था में महिलाओं की भूमिका की विशेष रूप से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह संस्था महिलाओं के नेतृत्व में चल रही है और उन्होंने पूरी दुनिया में आध्यात्मिकता, शांति और भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया में बदलाव लाने के लिए पहले व्यक्ति को खुद बदलना होता है, और ब्रह्माकुमारी संस्था इसी सिद्धांत पर काम कर रही है। उन्होंने ब्रह्माकुमारियों द्वारा प्रचारित शुद्धता, शाकाहार, नशामुक्ति, सादगी और ध्यान के मूल्यों को भी सराहा।