जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद आज शुक्रवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। प्रधानमंत्री स्टार्मर ने इस हमले को “बर्बर आतंकी हमला” बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की और इस दुखद घड़ी में भारत के साथ एकजुटता दिखाई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए लिखा, “ब्रिटेन के प्रधानमंत्री @Keir_Starmer ने प्रधानमंत्री @narendramodi को फोन कर निर्दोष लोगों की जान जाने पर गहरा शोक व्यक्त किया और इस जघन्य आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल समय में यूके भारत के साथ खड़ा है।”
इस बीच, नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक शूफ ने भी पीएम मोदी को फोन कर संवेदना व्यक्त की और इस “कायराना हमले” की निंदा की। उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों को खारिज करते हुए भारत के साथ एकजुटता प्रकट की। इसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने नीदरलैंड को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि भारत वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में नीदरलैंड के साथ मिलकर काम करता रहेगा। गौरतलब है कि इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें 25 भारतीय पर्यटक और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। इसके बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कूटनीतिक कदम उठाए। इनमें अटारी एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) को बंद करना, पाकिस्तान के नागरिकों के लिए SAARC वीजा छूट योजना को स्थगित करना और 40 घंटे के अंदर भारत छोड़ने का निर्देश देना शामिल है। साथ ही, दोनों देशों के उच्चायोगों में अधिकारियों की संख्या में कटौती की गई है।
इसके अलावा भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को भी निलंबित कर दिया है। यह संधि दशकों से भारत-पाक संबंधों के बीच जल बंटवारे को लेकर स्थिरता प्रदान करती रही है, लेकिन अब इसे भारत ने आतंकवाद के समर्थन के खिलाफ सख्त कदम के तौर पर स्थगित किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को आश्वासन देते हुए कहा कि इस आतंकी हमले के जिम्मेदार लोगों और उनकी मदद करने वालों को ऐसी सजा दी जाएगी जो उनकी कल्पना से परे होगी। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि आतंकवाद के सभी बचे हुए ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया जाए। साथ ही उन्होंने 140 करोड़ भारतीयों की दृढ़ इच्छाशक्ति को भारत की सबसे बड़ी ताकत बताया जो आतंकवाद की कमर तोड़ देगी।