सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) मंगलवार को अपना 65वां स्थापना दिवस मना रहा है। आज नई दिल्ली में हुए कार्यक्रम में रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा कि बीआरओ ने भारत से लगी भूटान, म्यांमार, अफगानिस्तान और तजाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ-साथ मित्र देशों में भी सड़कें बनाई हैं। देश की उत्तरी और पश्चिमी सीमा पर 9 फीट से 19 हजार फीट तक की ऊंचाई पर सड़क निर्माण करके बीआरओ ने अग्रिम इलाकों तक सेना की पहुंच बढ़ाई है।
उन्होंने कहा कि दुर्गम इलाकों में मौसम के विपरीत कठिन स्थिति में बीआरओ ने अपने दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन किया है। उन्होंने सीमा सड़क संगठन को एक अत्यंत महत्वपूर्ण संगठन बताया, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। रक्षा सचिव ने आग्रह किया कि परियोजनाओं को तीव्र गति से पूरा करने के लिए नवीनतम तकनीक अपनाई जाए।
रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने सिल्कयारा सुरंग ढहने और सिक्किम बाढ़ के दौरान राहत और बचाव प्रयासों में सीमा सड़क संगठन कर्मियों के बहुमूल्य योगदान को याद किया। रक्षा सचिव अरमाने ने सेला सुरंग पर कुछ पुस्तकों का अनावरण भी किया। उन्होंने वर्ष 2023-24 के लिए सीमा सड़क संगठन कर्मियों को उत्कृष्टता पुरस्कार दिए और महिला कर्मियों को सम्मानित किया।
सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने कहा कि बीआरओ की टैगलाइन ‘इन द साइलेंस ऑफ आवर ग्रेट माउंटेन्स-वर्क स्पीक्स’ संगठन के समर्पण, दृढ़ता और देश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन पर प्रभाव को दर्शाती है। उन्होंने सभी रैंकों से जुड़े कर्मियों का आह्वान किया कि वे लोगों के आपसी संपर्क के लिए स्थानों को जोड़ने का कार्य जारी रखें। इस समय सीमा सड़क संगठन 18 परियोजनाओं पर कार्य करने वाला एक महत्वपूर्ण संगठन बन गया है। अब बीआरओ ने ऊंचाई वाले और कठिन बर्फीले क्षेत्रों में अग्रणी बुनियादी ढांचा निर्माण एजेंसी के रूप में अपनी साख स्थापित कर ली है।
(इनपुट- हिन्दुस्थान समाचार)