केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना (RWBCIS) को 2025-26 तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है। इन योजनाओं का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से फसल को होने वाले नुकसान पर किसानों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। गौरतलब है कि इसके लिए 2021-22 से 2025-26 तक कुल 69,515 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। इस फैसले से देशभर के किसानों को लाभ मिलेगा, जिससे उन्हें फसल खराब होने पर आर्थिक मदद मिल सकेगी।
इस योजना को और बेहतर बनाने के लिए सरकार ने 824 करोड़ रुपये लागत का नवाचार और तकनीक फंड की स्थापना की है। इस फंड का उपयोग कृषि में उन्नत तकनीकों को लागू करने के लिए किया जाएगा जिससे बीमा क्लेम जल्दी और पारदर्शिता से निपटाए जा सकेंगे।
केंद्र सरकार ने फसल के उत्पादन का सही अनुमान लगाने के लिए YES-TECH (यील्ड एस्टिमेशन सिस्टम) नामक एक नई प्रणाली शुरू की है। यह प्रणाली सैटेलाइट और रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग करती है जिससे फसल उत्पादन का अनुमान लगाने के लिए पारंपरिक फसल कटाई प्रयोगों की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। अभी तक मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सहित 9 राज्यों ने इस प्रणाली को अपनाया है। मध्य प्रदेश पूरी तरह से YES-TECH के जरिए ही बीमा क्लेम की गणना कर रहा है। 2025-26 तक अन्य राज्यों में भी यह प्रणाली लागू होने की उम्मीद है।
अब WINDS के जरिये किसानों को मिलेगी मौसम की सटीक जानकारी
WINDS (वेदर इंफॉर्मेशन एंड नेटवर्क डेटा सिस्टम) नामक नई योजना के तहत किसानों को सटीक मौसम जानकारी प्रदान की जाएगी। इसके लिए ब्लॉक स्तर पर ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन (AWS) और पंचायत स्तर पर ऑटोमैटिक रेन गेज (ARG) लगाए जाएंगे। इससे मौसम डेटा नेटवर्क पांच गुना बढ़ जाएगा जिससे किसानों को सही समय पर मौसम की जानकारी मिल सकेगी। केरल, कर्नाटक और राजस्थान उत्तर प्रदेश सहित 9 राज्यों में इस प्रणाली को लागू करने की प्रक्रिया चल रही है।
पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों पर विशेष ध्यान
सरकार पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों पर विशेष ध्यान दे रही है। इन राज्यों में किसानों के लिए बीमा प्रीमियम का 90% हिस्सा केंद्र सरकार वहन करेगी। इसके अलावा, इन राज्यों को फंड का उपयोग अन्य विकास परियोजनाओं के लिए भी करने की अनुमति दी जाएगी ताकि अप्रयुक्त राशि बेकार न जाए।