प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) के विकास को मंजूरी दे दी है। यह प्रोजेक्ट दो चरणों में पूरा किया जाएगा। इस परियोजना के विकास में 15,000 प्रत्यक्ष रोजगार और 7,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के साथ लगभग 22,000 नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है।
केंद्रीय कैबिनेट ने मास्टर प्लान के अनुसार स्वैच्छिक संसाधनों और योगदान के माध्यम से धन जुटाकर और धन जुटाने के बाद उनके निष्पादन के लिए फेज 1 बी और फेज 2 के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। उल्लेखनीय है, चरण 1बी के तहत लाइट हाउस संग्रहालय के निर्माण को लाइटहाउस और लाइटशिप महानिदेशालय (DGLL) द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।
लोथल में एनएमएचसी के कार्यान्वयन, विकास, प्रबंधन और संचालन के लिए सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री की अध्यक्षता में एक गवर्निंग काउंसिल द्वारा शासित होने वाले भविष्य के चरणों के विकास के लिए एक अलग सोसायटी की स्थापना की जाएगी।
इस प्रोजेक्ट का चरण 1A 60 प्रतिशत से अधिक भौतिक प्रगति के साथ काम जारी है और इसे 2025 तक पूरा किया जाना है। परियोजना के चरण 1A और 1B को ईपीसी (EPC) मोड में विकसित जायेगा और एनएमएचसी को विश्व स्तरीय विरासत संग्रहालय के रूप में स्थापित करने के लिए परियोजना के चरण 2 को भूमि उपपट्टे/पीपीपी के माध्यम से विकसित किया जाएगा।
राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर परियोजना के विकास में 15,000 प्रत्यक्ष रोजगार और 7,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के साथ लगभग 22,000 नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है। एनएमएचसी के कार्यान्वयन से विकास को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय समुदायों, पर्यटकों और आगंतुकों, शोधकर्ताओं और विद्वानों, सरकारी निकायों, शैक्षणिक संस्थानों, सांस्कृतिक संगठनों, पर्यावरण और संरक्षण समूहों, व्यवसायों को काफी मदद मिलेगी।
बता दें कि भारत की 4,500 साल पुरानी समुद्री विरासत को प्रदर्शित करने के पीएम मोदी के विज़न के अनुसार, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) लोथल में एक विश्व स्तरीय राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC) स्थापित कर रहा है। एनएमएचसी का मास्टरप्लान प्रसिद्ध आर्किटेक्चर फर्म मेसर्स आर्किटेक्ट हफीज कॉन्ट्रैक्टर द्वारा तैयार किया गया है और चरण 1A का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को सौंपा गया है।