भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को मजबूत करने उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1,000 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल (VC) फंड को मंजूरी दी है, इसे विशेष रूप से अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है। यह फंड IN-SPACe (इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर) के तहत संचालित होगा जो देश के अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने का काम करता है।
इस फैसले की जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का वेंचर कैपिटल फंड स्थापित करने को मंजूरी दी है।” इस फंड का उपयोग अगले पांच सालों में किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक वर्ष औसतन 150-250 करोड़ रुपये की राशि स्टार्टअप्स की जरूरतों और निवेश के अवसरों के आधार पर निवेश की जाएगी।
यह कदम भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो फिलहाल 8.4 बिलियन डॉलर के मूल्य पर है, और जिसका लक्ष्य 2033 तक 44 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का है। 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों के बाद से निजी क्षेत्र की भी भागीदारी बढ़ी है, और IN-SPACe इस बदलाव में अहम भूमिका निभा रहा है। IN-SPACe ने 1,000 करोड़ रुपये का फंड प्रस्तावित किया है ताकि अंतरिक्ष क्षेत्र में स्टार्टअप्स को जोखिम पूंजी (रिस्क कैपिटल) उपलब्ध कराई जा सके क्योंकि पारंपरिक बैंक और वित्तीय संस्थान इस उच्च-तकनीकी क्षेत्र में निवेश करने में हिचकिचाते हैं।
यह फंड SEBI के नियमों के तहत एक वैकल्पिक निवेश फंड (AIF) के रूप में संचालित होगा, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी पूंजी निवेश को आकर्षित किया जा सकेगा। यह स्टार्टअप्स को शुरुआती चरण में इक्विटी प्रदान करेगा, जिससे वे आगे बढ़कर बड़े निजी निवेश हासिल कर सकें।
भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में वर्तमान में लगभग 250 से अधिक स्टार्टअप्स उभर रहे हैं, जो उपग्रह तकनीक, लॉन्च सेवाओं से लेकर अंतरिक्ष अन्वेषण तक विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं। इन स्टार्टअप्स के विकास के लिए समय पर वित्तीय सहायता मिलना जरूरी है ताकि वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें और भारत के लिए नई ऊंचाइयां हासिल कर सकें। सरकार के इस कदम से इन स्टार्टअप्स को न केवल वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि यह निजी निवेशकों को भी इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए प्रेरित करेगा, जिससे अंतरिक्ष क्षेत्र में नवाचार और विकास को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।