केंद्र सरकार सरकारी एजेंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए एक सामान्य पहचान के रूप में पैन कार्ड के उपयोग को सक्षम बनाने के लिए पेन 2.0 परियोजना लाई है। परियोजना के लिए 1435 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। पैन को अपग्रेड करने के लिए पैन धारकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने आयकर विभाग की पैन 2.0 परियोजना को आज मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पैन 2.0 परियोजना करदाता पंजीकरण सेवाओं से जुड़ी प्रौद्योगिकी को बदलेगी। इससे बेहतर गुणवत्ता के साथ पहुंचने में आसानी और त्वरित सेवा वितरण संभव होगा। सत्य और डेटा संगतिका एकल स्रोत तैयार होगा। आसान प्रक्रियाएं और लागत अनुकूलन होने के साथ अधिक सुरक्षित बुनियादी डिजिटल ढांचा तैयार होगा।
उन्होंने बताया कि यह मौजूदा पैन/टैन 1.0 पारिस्थितिकी तंत्र का अपग्रेड होगा जो मुख्य और गैर-मुख्य पैन/टैन गतिविधियों के साथ-साथ पैन सत्यापन सेवा को समेकित करेगा। यह करदाताओं के बेहतर डिजिटल अनुभव के लिए पैन/टैन सेवाओं के प्रौद्योगिकी-संचालित परिवर्तन के माध्यम से करदाता पंजीकरण सेवाओं की व्यावसायिक प्रक्रियाओं को फिर से तैयार करने के लिए एक ई-गवर्नेंस परियोजना है।”
सीबीडीटी द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के दौरान 1 अप्रैल से 10 नवंबर तक भारत का शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह, जिसमें कॉर्पोरेट कर और व्यक्तिगत आयकर शामिल हैं, 15.4 प्रतिशत बढ़कर 12.1 लाख करोड़ रुपये हो गया।
चालू वित्त वर्ष के दौरान 22.07 लाख करोड़ रुपये एकत्र करने के सरकार के लक्ष्य में कॉर्पोरेट कर से 10.20 लाख करोड़ रुपये और व्यक्तिगत आयकर, गैर-कॉर्पोरेट कर और अन्य करों से 11.87 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं।