प्रतिक्रिया | Saturday, April 19, 2025

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अगले महीने निर्धारित अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशन में एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री के शामिल होने के साथ ही भारत अपनी अंतरिक्ष यात्रा में एक निर्णायक अध्याय लिखने के लिए तैयार है। इसरो के अध्यक्ष डॉ. वी. नारायणन ने जानकारी दी कि भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला मई में एक्सिओम स्पेस के एएक्स-4 मिशन के हिस्से के रूप में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए उड़ान भरेंगे।

भारत के अंतरिक्ष विभाग के अनुसार, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के आने वाले महीनों की प्रमुख योजनाओं की समीक्षा के लिए आयोजित एक उच्च-स्तरीय बैठक के बाद यह घोषणा करते हुए केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह मिशन अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) का दौरा करने वाले पहले भारतीय और राकेश शर्मा की 1984 की सोवियत सोयुज अंतरिक्ष यान की प्रतिष्ठित उड़ान के चार दशकों से अधिक समय बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री के तौर पर दर्ज किया जाएगा।

भारत अपने अगले अंतरिक्ष कीर्तिमान के लिए तैयार है

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगामी मानव अंतरिक्ष उड़ान और इसरो के कई महत्वपूर्ण मिशनों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “भारत अपने अगले अंतरिक्ष कीर्तिमान के लिए तैयार है।” उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ सहयोग और गगनयान जैसी परियोजनाओं की रणनीतिक रफ्तार भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक वैश्विक लीडर बनने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

केंद्रीय विज्ञान एवं अंतरिक्ष मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि ये प्रयास न केवल वैज्ञानिक प्रकृति के हैं बल्कि एक विकसित और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप भी हैं।

बैठक के दौरान, इसरो ने डॉ. जितेंद्र सिंह को जनवरी 2025 के बाद के कई महत्वपूर्ण घटनाक्रमों की जानकारी दी। इनमें आदित्य एल1 सौर मिशन से डेटा का सार्वजनिक विमोचन, डॉकिंग और अनडॉकिंग प्रौद्योगिकियों का सफल प्रदर्शन, भारत में विकसित उच्चतम थ्रस्ट लिक्विड इंजन का परीक्षण, और श्रीहरिकोटा से ऐतिहासिक 100वां प्रक्षेपण (जीएसएलवी-एफ15) शामिल हैं। आपको बता दें, इसरो ने कुंभ मेला 2025 जैसे राष्ट्रीय आयोजनों में सैटेलाइट-आधारित निगरानी के माध्यम से सहयोग दिया और विकास इंजन को सफलतापूर्वक पुन: आरंभ करने का प्रदर्शन किया, जो भविष्य के लॉन्च वाहन रिकवरी मिशनों के लिए महत्वपूर्ण है।

दरअसल, यह घोषणा आने वाले महीनों में महत्वाकांक्षी मिशनों की श्रंखला के लिए तैयार भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में तेजी से चल रही गतिविधियों के बीच आई है।अंतरिक्ष विभाग के सचिव और इसरो के अध्यक्ष नारायणन ने आने वाले दिनों के विभिन्न अंतरिक्ष मिशनों की स्थिति का विवरण देते हुए एक प्रस्तुति दी।

आने वाले दिनों के भारत के विभिन्न अंतरिक्ष मिशन

मई 2025 के लिए निर्धारित ग्रुप कैप्टन शुक्ला का मिशन भारत के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग में एक कीर्तिमान है। वह भारतीय वायुसेना के एक सम्मानित टेस्ट पायलट हैं जिन्हें इसरो के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम (एचएसपी) के तहत चुना गया था और वे भारत की पहली स्वदेशी मानवयुक्त आर्बिटल उड़ान, गगनयान मिशन के शीर्ष दावेदारों में से एक हैं।

एएक्स-4 मिशन पर उनकी यात्रा से अंतरिक्ष उड़ान संचालन, लॉन्च प्रोटोकॉल, माइक्रोग्रैविटी अनुकूलन और आपातकालीन तैयारी में महत्वपूर्ण व्यावहारिक अनुभव मिलने की उम्मीद है – जो भारत की मानवयुक्त अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं के लिए आवश्यक है। इसका रणनीतिक महत्व शुक्ला के मिशन को खास बनाता है।

भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान के प्रतीकात्मक महत्व के उलट इस बार ध्यान परिचालन तत्परता और वैश्विक एकीकरण पर है।

इसरो अत्याधुनिक ईओएस-09 उपग्रह ले जाने वाले पीएसएलवी-सी61 मिशन को लॉन्च करेगा

मई से जुलाई 2025 के लिए निर्धारित बड़े मिशनों में, इसरो अत्याधुनिक ईओएस-09 उपग्रह ले जाने वाले पीएसएलवी-सी61 मिशन को लॉन्च करेगा। सी-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार से लैस, ईओएस-09 सभी मौसम की स्थिति, दिन या रात में पृथ्वी की सतह की उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाली तस्वीरें लेने में सक्षम होगा। एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि टेस्ट व्हीकल-डी2 (टीवी-डी2) मिशन होगा, जिसे एक एबॉर्ट परिदृश्य का अनुकरण करने और गगनयान क्रू एस्केप सिस्टम का प्रदर्शन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस मिशन में क्रू मॉड्यूल के लिए समुद्री रिकवरी ऑपरेशन शामिल हैं, जो भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए नियोजित प्रक्रियाओं की नकल करता है।

जून में बहुप्रतीक्षित निसार उपग्रह का जीएसएलवी-एफ16 पर प्रक्षेपण होगा

वहीं, जून में बहुप्रतीक्षित निसार उपग्रह का जीएसएलवी-एफ16 पर प्रक्षेपण होगा। नासा-इसरो का यह सहयोग नासा के एल-बैंड पेलोड को इसरो के एस-बैंड योगदान के साथ जोड़कर दोहरी-फ्रीक्वेंसी रडार डेटा के माध्यम से पृथ्वी के ईकोसिस्टम और प्राकृतिक खतरों का अध्ययन करना है।

इसके अतिरिक्त जुलाई के लिए निर्धारित एलवीएम3-एम5 मिशन, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के वाणिज्यिक कार्यक्रम के तहत ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 उपग्रहों को लॉन्च करते हुए, यूएसए की एएसटी स्पेसमोबाइल इंक. के साथ एक वाणिज्यिक अनुबंध को पूरा करेगा।

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आखरी अपडेट: 19th Apr 2025