राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की सड़कों पर धूल प्रदूषण से निपटने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने मंगलवार को सीएसआईआर-केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CSIR-CRRI) और नई दिल्ली के स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (SPA) के साथ त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया। पहले चरण में, आयोग ने एनसीआर राज्य सरकारों और जीएनसीटीडी के साथ उचित परामर्श किया और एनसीआर के 9 अत्यधिक शहरीकृत/ औद्योगिकीकरण वाले शहरों अर्थात् दिल्ली, फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, गाज़ियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, भिवाड़ी और नीमराना को शामिल किया है।
इस एमओयू का उद्देश्य दिल्ली-एनसीआर में धूल प्रदूषण में कमी लाने हेतु शहरी सड़कों के पुनर्विकास के लिए प्रभावी मानक संरचना का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना है, जिसमें रास्तों एवं फुटपाथों को पक्का और हरा-भरा बनाना शामिल है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि त्रिपक्षीय एमओयू का उद्देश्य सीएसआईआर-सीआरआरआई और एसपीए द्वारा सीएक्यूएम में एक परियोजना निगरानी प्रकोष्ठ (पीएमसी) की स्थापना करना एवं उसके संचालन की सुविधा प्रदान करना है।
पीएमसी एनसीआर राज्यों में रूपरेखा के चरणबद्ध कार्यान्वयन की निगरानी एवं समर्थन प्रदान करेगा जिससे रूपरेखा के व्यापक तत्वों के अनुरूप सड़कें विकसित/पुनर्विकसित की जा सकें। समझौता ज्ञापन के अंतर्गत, सीएसआईआर-सीआरआरआई और एसपीए सीएक्यूएम में स्थापित होने वाले पीएमसी को संस्थागत समर्थन एवं तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे।
सीआरआरआई और एसपीए सीएक्यूएम का समर्थन करेंगे, जिसमें पीएमसी की स्थापना में मार्गदर्शन प्रदान करना, इसके लिए उपयुक्त मानव संसाधन आवश्यकताओं का सुझाव देना और मानक संरचना पर सड़कों के विकास/पुनर्विकास की निगरानी के लिए नियुक्त संसाधनों को सहायता प्रदान करना शामिल है। इसके अलावा, विशिष्ट सड़क परियोजनाओं की डेटा-आधारित ट्रैकिंग एवं निगरानी सुनिश्चित करने के लिए एक समर्पित डैशबोर्ड भी बनाया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि वैज्ञानिक डिजाइन, सतत हरियाली एवं आधुनिक प्रौद्योगिकियों के माध्यम से शहरी सड़कों में परिवर्तन लाना, सड़कों से धूल प्रदूषण को कम करना और क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए प्रमुख दीर्घकालिक समाधानों में शामिल हैं।