केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को नई दिल्ली में स्वास्थ्य सेवा, कृषि और टिकाऊ शहरों क्षेत्रों में 3 एआई (AI) उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना की घोषणा की, जिसके निर्माण के लिए 990.00 करोड़ रुपये स्वीकृत किये। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एआई-सीओई दुनिया के समाधान प्रदाता बनने जा रहे हैं। एआई-सीओई नौकरी सृजनकर्ताओं और धन सृजनकर्ताओं की नई पीढ़ी तैयार करेगी और वैश्विक सार्वजनिक कल्याण के नए प्रतिमान स्थापित करेगी।
शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि “भारत में एआई बनाएं और एआई को भारत के लिए काम करें” के दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में, इन केंद्रों की स्थापना की घोषणा 2023-24 के बजट घोषणा के पैरा 60 के अंतर्गत की गई थी। इसके अनुरूप, सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 से वित्तीय वर्ष 2027-28 की अवधि में 990.00 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ तीन एआई उत्कृष्टता केंद्रों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस पहल के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए, एक उद्योग शीर्ष समिति का गठन किया गया है, जिसकी सह-अध्यक्षता डॉ. श्रीधर वेम्बू करेंगे।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में आशा व्यक्त की कि तीन एआई-सीओई वैश्विक सार्वजनिक कल्याण के मंदिर के रूप में उभरेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्रों के अनावरण के साथ, वैश्विक एआई परिदृश्य में भारत की साख को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी कहा कि भारत के पास जो प्रतिभा और उत्साह है, आने वाले समय में ये एआई-सीओई वैश्विक सार्वजनिक नीति का एक प्रमुख तत्व होंगे और दुनिया के समाधान प्रदाता के रूप में भी उभरेंगे।
उन्होंने देश के शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों में इन एआई-सीओई के कार्यान्वयन की दिशा में उनके सावधानीपूर्वक और ईमानदार प्रयासों के लिए श्रीधर वेम्बू के नेतृत्व वाली शीर्ष समिति की प्रशंसा की। भारत को एआई के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के दृष्टिकोण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि एआई-सीओई देश में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को और प्रोत्साहन देंगे, नई पीढ़ी के लिए नौकरी के अवसर सृजित करने में सहायता और धन सृजनकर्ता तथा वैश्विक सार्वजनिक कल्याण के नए प्रतिमान स्थापित करेंगे।