केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर भारत की कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए एक अहम फैसला लिया है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने शिलांग से सिलचर तक एक नया चार लेन का ग्रीनफील्ड हाई-स्पीड एक्सेस कंट्रोल्ड कॉरिडोर बनाने की मंजूरी दे दी है। यह सड़क परियोजना हाइब्रिड एन्युइटी मोड (Hybrid Annuity Mode) पर विकसित की जाएगी और इसकी कुल लंबाई 166.80 किलोमीटर होगी।
इस हाई-स्पीड कॉरिडोर का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 06 (NH-06) पर मावलिंगखुंग (शिलांग के पास, मेघालय) से लेकर पंचग्राम (सिलचर के पास, असम) तक किया जाएगा। इस परियोजना को 22,864 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा। इसमें से 144.80 किमी हिस्सा मेघालय में और 22.00 किमी असम में आएगा। यह हाई-स्पीड कॉरिडोर गुवाहाटी से सिलचर के बीच की सेवा गुणवत्ता को बेहतर बनाएगा और त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और असम के बराक घाटी क्षेत्र की मुख्य भूमि से कनेक्टिविटी को काफी हद तक आसान और तेज करेगा। इससे न केवल यात्रा का समय और दूरी घटेगी, बल्कि लॉजिस्टिक सेवाएं भी अधिक कुशल बनेंगी।
यह कॉरिडोर मेघालय और असम के बीच कनेक्टिविटी सुधारने के साथ-साथ औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा देगा, खासकर मेघालय के सीमेंट और कोयला उत्पादन क्षेत्रों में। यह कॉरिडोर गुवाहाटी, शिलांग और सिलचर के हवाई अड्डों को मौजूदा NH-06 के जरिए जोड़ते हुए पर्यटकों के लिए भी उपयोगी साबित होगा और पूर्वोत्तर भारत के सुंदर पर्यटक स्थलों को बढ़ावा देगा। यह परियोजना मेघालय के री भोई, ईस्ट खासी हिल्स, वेस्ट जयंतिया हिल्स और ईस्ट जयंतिया हिल्स, तथा असम के कछार जिले से होकर गुजरेगी। इससे NH-06 पर भीड़भाड़ कम होगी और गुवाहाटी, शिलांग, सिलचर, डिएंगपासोह, उम्मुलोंग, फ्रामेर, ख्लिएरियात, रताछेरा, उमकियांग और कालैन जैसे शहरों को नेशनल हाइवे NH-27, NH-106, NH-206, और NH-37 के जरिए बेहतर जोड़ मिलेगा।