प्रतिक्रिया | Thursday, January 30, 2025

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति ने बुधवार को विभिन्न राज्यों में आपदा शमन (Disaster Mitigation) के लिए 3027.86 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। उच्च स्तरीय समिति ने सबसे अधिक सूखा प्रभावित 12 राज्यों को 2022.16 करोड़ रुपए की कुल लागत वाली परियोजना को भी मंजूरी दी। सरकार ने देश में डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (Disaster Risk Reduction) प्रणाली मजबूत करके आपदाओं के दौरान जानमाल और जैव विविधता को होने वाले किसी भी बड़े नुकसान को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्यों को 24,981 करोड़ रुपये से अधिक की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने 19 राज्यों के उच्च प्राथमिकता वाले 144 जिलों में जंगलों में आग लगने की घटनाएं कम करने के उद्देश्य से व्यय 818.92 करोड़ रुपये की लागत के वन अग्नि प्रबंधन के लिए शमन परियोजना (Mitigation Project for Forest Fire Management) को भी मंजूरी दी है।

गृह मंत्रालय के अनुसार केन्द्रीय वित्त मंत्री, कृषि मंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष की सदस्यता वाली समिति ने 10 राज्यों के ऐसे 50 जिलों में बिजली गिरने के जोखिम को कम करने के लिए बिजली सुरक्षा पर शमन परियोजना (Mitigation Project on Lightning Safety) पर विचार किया जो बिजली गिरने की घटनाओं से सबसे अधिक प्रभावित हैं। साथ ही, उच्च स्तरीय समिति ने सबसे अधिक सूखा प्रभावित 12 राज्यों के 49 जिलों को उत्प्रेरक सहायता (Catalytic Assistance) प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय आपदा शमन निधि (NDMF) से फंडिंग के प्रस्तावों पर भी विचार किया।

उच्च स्तरीय समिति ने सबसे अधिक सूखा प्रभावित 12 राज्यों को उत्प्रेरक सहायता के लिए 2022.16 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय वाली परियोजना को मंजूरी दी है, जिसमें केन्द्र सरकार का हिस्सा 1200 करोड़ रुपये होगा। जिन 12 राज्यों के लिए यह धनराशि मंजूर की गई है उनमें आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश शामिल हैं।

समिति ने 10 राज्यों में कुल 186.78 करोड़ रुपये की लागत से बिजली सुरक्षा पर शमन परियोजना को भी मंजूरी दी है। इन 10 राज्यों में आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 19 राज्यों के उच्च प्राथमिकता वाले 144 जिलों में 818.92 करोड़ रुपए के कुल व्यय के वन अग्नि प्रबंधन के लिए शमन परियोजना को भी मंजूरी दी है। जिसमें से राष्ट्रीय आपदा शमन निधि (NDMF) और राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (NDRF) का केन्द्रीय हिस्सा 690.63 करोड़ रुपए होगा।

परियोजना का प्राथमिक उद्देश्य देश में जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं के प्रबंधन के दृष्टिकोण को बदलने और ‘बेहतर तरीके से निर्माण करें’ के प्रयासों के लिए शमन परियोजना को लागू करना है।

आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, महाराष्ट्र, मिजोरम, मध्य प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तराखंड जंगलों में आग लगने की घटनाओं में कमी लाने, जंगलों में आग लगने पर उनसे निपटने की तैयारियों के साथ-साथ आग के बाद के आकलन और स्थिति को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक गतिविधियों को अंजाम देने को लेकर अपने-अपने प्रस्ताव पेश करेंगे।

मंत्रालय ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्यों को 24,981 करोड़ रुपए से अधिक की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है। इसमें राज्य आपदा मोचन कोष (SDRF) से 27 राज्यों को 17479.60 करोड़ रुपए, राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (NDRF) से 18 राज्यों को 4808.30 करोड़ रुपए, राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (SDMF) से 13 राज्यों को 1973.55 करोड़ रुपए तथा राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण कोष (NDMF) से 8 राज्यों को 719.72 करोड़ रुपए शामिल हैं।

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आखरी अपडेट: 30th Jan 2025