प्रतिक्रिया | Sunday, November 24, 2024

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केंद्र सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने 25 जुलाई को संशोधित आदर्श कौशल ऋण योजना शुरू की, जिसका उद्देश्य बिना किसी वित्तीय बाधा के देश के युवाओं को कौशल पाठ्यक्रमों तक पहुंच प्रदान करना है। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को इस तरह के उन्नत स्तर के कौशल पाठ्यक्रमों तक आसान पहुंच उपलब्ध कराना है। इनमें उच्च-स्तरीय पाठ्यक्रम शामिल हैं, जिनके लिए अक्सर उच्च पाठ्यक्रम शुल्क देना पड़ता है। इस पहल से भारत के युवाओं को भविष्य के लिए तैयार कार्यबल बनाने में सहायता मिलेगी।

गुरुवार को नई दिल्ली में कौशल भवन में योजना के शुभारंभ समारोह के दौरान जयंत चौधरी ने कहा कि आदर्श कौशल ऋण योजना (Model Skill Loan Scheme ) की शुरुआत होना हमारे कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि यह योजना 7.5 लाख रुपये तक के जमानत-मुक्त ऋण के माध्यम से युवाओं को उन्नत कौशल के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। एनबीएफसी, एनबीएफसी-एमएफआई और लघु वित्त बैंकों को भी पात्र ऋणदाता बनाया गया है।

जयंत चौधरी ने कहा कि भारत सहित दुनिया में तेजी से तकनीकी एवं सामाजिक बदलाव हो रहे हैं, इसलिए हमारी शिक्षा प्रणाली और नौकरी बाजार को भी इसके साथ तालमेल बिठाना होगा। हम 2047 के लिए एक दृष्टिकोण की दिशा में कड़ी मेहनत कर रहे हैं और सरकार इन बदलावों के बारे में रणनीतिक रूप से कार्य पूरे रही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह आदर्श कौशल ऋण योजना एक सुधार और उदारीकरण कार्यक्रम है, जो जनता की मांग पर केंद्रित है।

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के अनुसार इनमें उच्च-स्तरीय पाठ्यक्रम शामिल हैं, जिनके लिए अक्सर उच्च पाठ्यक्रम शुल्क देना पड़ता है। इस पहल से भारत के युवाओं को भविष्य के लिए तैयार कार्यबल बनाने में सहायता मिलेगी। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को इस तरह के उन्नत स्तर के कौशल पाठ्यक्रमों तक आसान पहुंच उपलब्ध कराना है, जो संभावित रूप से कई योग्य विद्यार्थियों एवं उम्मीदवारों के लिए भविष्योन्मुखी और मांग वाले औद्योगिक कौशल हासिल करने में महत्वपूर्ण रूप से एक वित्तीय बाधा उत्पन्न करते हैं।

कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने कौशल ऋण बाजार में एनबीएफसी और माइक्रो फाइनेंस संस्थानों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए वित्त मंत्रालय से अनुमोदन के साथ इस योजना के दिशा-निर्देशों में महत्वपूर्ण संशोधन कर दिये हैं। अब, एनबीएफसी, माइक्रो फाइनेंस संस्थान और लघु वित्त बैंक भी ऋण देने के पात्र होंगे, जो वितरित ऋण के 75% तक डिफाल्ट के विरुद्ध गारंटी द्वारा सहायता प्राप्त करेंगे। इसके अलावा, क्रेडिट गारंटी कवर के लिए पात्र व्यक्तिगत ऋणों का अधिकतम टिकट आकार 1.50 लाख रुपये की पिछली सीमा से बढ़ाकर 7.50 लाख रुपये कर दिया गया है।

इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि ‘कौशल अर्थव्यवस्था’ तेजी से बाजार-आधारित बनती जा रही है, जिसमें नए जमाने की शिक्षा कौशल विकास इकोसिस्टम में एकीकृत हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि शहरी व अर्ध-शहरी क्षेत्रों के युवा कौशल और आजीविका सुधार के लिए उपलब्ध अवसरों को पहचानते हैं। सचिव ने बताया कि इस पहल की मदद से इच्छुक उम्मीदवार स्वास्थ्य सेवा, सूचना प्रौद्योगिकी, एआई-डेटा विज्ञान, क्लाउड एप्लीकेशन, डिजिटल मार्केटिंग, आतिथ्य, एनीमेशन, गेमिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग और ड्रोन प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में कौशल पाठ्यक्रमों की भरमार में से किसी भी विषय को अपनी रूचि के अनुसार चुन सकते हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत की बदलती गतिशीलता से प्रेरित हुए ये पाठ्यक्रम पर्याप्त प्लेसमेंट अवसर और अंतरराष्ट्रीय गतिशीलता की संभावना प्रदान करते हैं।

दरअसल कई युवा इच्छुक उम्मीदवार एक जीवंत कौशल ऋण बाजार की अनुपस्थिति में अपने कौशल प्रशिक्षण को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता के बिना अपने प्रशिक्षण को छोड़ देते हैं। मंत्रालय ने कौशल क्षेत्र में निर्बाध ऋण प्रवाह सुनिश्चित करने और कम आय वाले युवाओं को विशेष कौशल पाठ्यक्रमों में दाखिले हेतु किफायती वित्त तक पहुंच प्रदान करने के उद्देश्य से जुलाई, 2015 में कौशल विकास के लिए ऋण गारंटी निधि योजना (CCFSSD) शुरुआत की थी। अब नई आदर्श कौशल ऋण योजना उसी का संशोधित संस्करण है। यह तेजी से हो रहे तकनीकी बदलावों से उभर रहे उच्च कुशल कार्यबल की आवश्यकताओं को पूरा करने की चुनौतियों का समाधान प्रदान करती है।

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आखरी अपडेट: 24th Nov 2024