केंद्र सरकार की जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति पर राज्यसभा में जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने एक लिखित उत्तर साझा की। इसके मुताबिक जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (IPCC) की रिपोर्ट बताती है कि मानवीय गतिविधियां मुख्य रूप से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन व ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार हैं, 2011-2020 के बीच वैश्विक सतह के तापमान में 1.1°C की वृद्धि दर्ज की गई है।
भारत में जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव
रिपोर्ट के मुताबिक देश बाढ़, सूखा, हीटवेव और ग्लेशियर पिघलने सहित कई जलवायु परिवर्तन के कई प्रभावों का सामना कर रहा है, ये प्रभाव जैव विविधता, कृषि, जल संसाधन, मानव स्वास्थ्य और शहरी बुनियादी ढांचे जैसे विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित कर रहें हैं।
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC)
देश को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचाने के लिए जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना तैयार किया गया है जो जलवायु क्रियाओं के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करता है, जिसमें सौर ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, संधारणीय आवास और मानव स्वास्थ्य जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में मिशन शामिल हैं। NAPCC 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने जलवायु परिवर्तन पर अपनी राज्य कार्य योजनाएं (SAPCC) तैयार की हैं।
इस दौरान जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए राष्ट्रीय अनुकूलन कोष ने 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 847.48 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है। भारत के प्रारंभिक अनुकूलन संचार (2023) में अनुकूलन व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि की रिपोर्ट की गई है, जो 2015-16 में सकल घरेलू उत्पाद के 3.7% से बढ़कर 2021-22 में 5.6% हो गई है।