प्रतिक्रिया | Saturday, December 14, 2024

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त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है। हर साल चैत्र नवरात्रि पूरे देश में बहुत ही धूमधाम और भव्यता के साथ मनाई जाती है। नवरात्रि का शाब्दिक अर्थ है नौ रातें। यह त्यौहार नौ रातों तक मनाया जाता है, जिसमें देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस साल चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू होगी और 17 अप्रैल तक चलेगी।

इस बार पूरे नौ दिन की नवरात्रि
अबकी बार के चैत्र नवरात्रि नौ अप्रैल से शुरू होंगे, जो 17 अप्रैल को रामनवमी के दिन समाप्त होंगे। इस साल चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल को रात 11:50 मिनट से शुरू होगी। यह तिथि नौ अप्रैल को संध्याकाल 08:30 मिनट पर समाप्त होगी। हिंदू धर्म में उदया तिथि ही मानी जाती है इसलिए नौ अप्रैल को कलश स्थापना होगी। देवी दुर्गा के नौ रूप हैं – मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री

कलश स्थापना का समय
विशेषज्ञों के अनुसार उदया तिथि के अनुसार नौ अप्रैल को कलश स्थापना का समय सुबह 05:52 बजे से 10:04 बजे तक है। इसके अलावा 11:45 मिनट से दोपहर 12:35 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त है। इन दोनों मुहूर्त में घट स्थापना कर सकते हैं। चैत्र नवरात्र के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन अमृत और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण सुबह 07 बजकर 32 से हो रहा है। ये दोनों योग संध्याकाल 05 बजकर 06 मिनट तक हैं।

विक्रम संवत 2081 की शुरुआत
चैत्र नवरात्र में मां दुर्गा इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी। मां दुर्गा का वाहन इस बात पर निर्भर करता है कि नवरात्रि का पर्व किस दिन से आरंभ हो रहा है। पंचांग के अनुसार इस साल नवरात्रि का आरंभ नौ अप्रैल मंगलवार से हो रहा है। इसलिए मां दुर्गा का वाहन अश्व यानी घोड़ा होगा। 17 अप्रैल यानी बुधवार को नवरात्रि का समापन होगा और माता रानी हाथी पर प्रस्थान करेंगी। माता का हाथी पर सवार होकर प्रस्थान करना शुभ संकेत है। नौ अप्रैल से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के साथ ही विक्रम संवत 2081 की शुरुआत होगी। इसके एक दिन पहले सोमवती अमावस्या पड़ेगी और इस दिन स्नान व दान करना उचित माना गया है।

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आखरी अपडेट: 14th Dec 2024