प्रतिक्रिया | Saturday, April 26, 2025

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चंद्रयान-5 मिशन को केंद्र सरकार की मिली मंजूरी : ISRO प्रमुख वी. नारायणन

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने बताया कि केंद्र सरकार ने चंद्रयान-5 मिशन को मंजूरी दे दी है। यह मिशन भारत के 2040 तक चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने के लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अलावा, सरकार ने 2035 तक “भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन” स्थापित करने की योजना को भी स्वीकृति दी है।

चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान नारायणन ने बताया कि ISRO आने वाले वर्षों में कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा, “हमारे कई महत्वपूर्ण मिशन जारी हैं। चंद्रयान-4 का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह से सैंपल इकट्ठा करना है, जबकि चंद्रयान-5, जिसे तीन दिन पहले मंजूरी मिली, इसमें 350 किलोग्राम का रोवर होगा। इस मिशन में भारत और जापान मिलकर काम कर रहे हैं।” इससे साफ है कि भारत अंतरिक्ष में अपनी क्षमताओं को और मजबूत करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

ISRO अब तक तीन चंद्रयान मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुका है। चंद्रयान-3 की सफलता ने भारत को उन देशों की सूची में शामिल कर दिया है, जिन्होंने चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की है। इससे पहले, केंद्र सरकार ने चंद्रयान-4 मिशन को भी मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य चंद्रमा पर उतरकर सुरक्षित वापसी और सैंपल कलेक्शन की तकनीक का परीक्षण करना है। इन सभी मिशनों से यह साफ है कि भारत अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।

नारायणन ने बताया कि भारत अब तक 131 उपग्रह लॉन्च कर चुका है, जिनमें से कई SAARC देशों को भी दिए गए हैं। पिछले 10 वर्षों में ISRO ने 433 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया है, जिनमें से 34 अन्य देशों के थे। उन्होंने कहा कि ISRO ने 90% की सफलता दर हासिल की है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि है। यह आंकड़े दिखाते हैं कि भारत अब न केवल अपने लिए, बल्कि अन्य देशों के लिए भी एक भरोसेमंद लॉन्च सेवा प्रदाता बन चुका है।

वहीं भारत अब तमिलनाडु के तटीय गांव कुलसेकरपट्टिनम में दूसरा स्पेसपोर्ट बना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 फरवरी 2024 को इस परियोजना का उद्घाटन किया था। यह स्पेसपोर्ट छोटे उपग्रहों (500 किलोग्राम तक) को लॉन्च करने के लिए स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) के उपयोग के लिए बनाया जा रहा है। इस परियोजना का निर्माण 5 मार्च 2025 से शुरू हो चुका है। इस स्पेसपोर्ट की मदद से भारत छोटे उपग्रहों के वैश्विक लॉन्च बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की दिशा में काम करेगा।

कार्यक्रम के दौरान, ISRO प्रमुख ने पूर्व अध्यक्ष के. सिवन की कड़ी मेहनत की तारीफ की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री का एक ही लक्ष्य है- भारत को विकसित बनाना। मैं एक साधारण परिवार से हूं, लेकिन मेरे साथ काम करने वाले सभी सहयोगियों को धन्यवाद देता हूं।”

ISRO की यह नई पहल भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में वैश्विक शक्ति बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम है। आने वाले वर्षों में, भारत न केवल चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने की तैयारी कर रहा है, बल्कि अपने स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना की योजना भी बना रहा है। इससे भारत को अंतरिक्ष में दीर्घकालिक शोध करने और वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी।

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आखरी अपडेट: 25th Apr 2025