प्रतिक्रिया | Sunday, April 20, 2025

  • Twitter
  • Facebook
  • YouTube
  • Instagram

उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा इस वर्ष 30 अप्रैल से शुरू होने जा रही है। हर साल की तरह इस बार भी लाखों श्रद्धालुओं के गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए पहुंचने का अनुमान है। यात्रा को सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए शासन और प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में परिवहन विभाग ने चारधाम यात्रा के लिए एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की है, जिसमें यात्रा मार्गों पर वाहन संचालन से लेकर चालकों के लिए विशेष नियम शामिल किए गए हैं।

परिवहन विभाग की एडवाइजरी के अनुसार, पर्वतीय मार्गों पर रात के समय व्यवसायिक वाहनों के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। रात 10 से सुबह 4 बजे तक कोई भी व्यवसायिक वाहन चारधाम यात्रा मार्गों पर नहीं चल सकेगा। यह निर्णय पहाड़ी रास्तों पर रात के समय होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।

क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) चक्रपाणि मिश्रा ने बताया कि पहाड़ी मार्गों पर ड्राइविंग एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसमें चालकों की दक्षता और सावधानी बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस नियम का सख्ती से पालन कराया जाएगा। एडवाइजरी में व्यवसायिक वाहन चालकों के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। चालकों को विशेष प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र, फिटनेस सर्टिफिकेट और वाहन के सभी दस्तावेज पूरे रखने होंगे। इसके अलावा, चालकों की वेशभूषा, व्यवहार और स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

एआरटीओ चक्रपाणि मिश्रा ने बताया कि यात्रा के दौरान चालकों को चप्पल या सैंडल पहनकर वाहन चलाने की अनुमति नहीं होगी। इसके बजाय उन्हें बंद जूते या मजबूत ट्रैकिंग शूज पहनना अनिवार्य होगा। यह नियम इसलिए लागू किया गया है ताकि पहाड़ी रास्तों पर वाहन संचालन के दौरान चालकों को सुरक्षा मिल सके।

यात्रा के दौरान वाहनों की तकनीकी स्थिति पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी। सभी व्यवसायिक वाहनों का फिटनेस सर्टिफिकेट और प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र होना जरूरी है। इसके साथ ही चालकों को नशे से दूर रहने और यात्रियों के साथ शिष्ट व्यवहार करने की हिदायत दी गई है। परिवहन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों और वाहन मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

चारधाम यात्रा उत्तराखंड के लिए धार्मिक और आर्थिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। हर साल इस यात्रा से राज्य को करोड़ों रुपए का राजस्व प्राप्त होता है और हजारों लोगों को रोजगार मिलता है। प्रशासन का दावा है कि इस बार यात्रा को पहले से अधिक व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। यात्रियों से भी अपील की गई है कि वे एडवाइजरी का पालन करें और यात्रा के दौरान प्रशासन का सहयोग करें।

यात्रा की तैयारियों के तहत सड़क मरम्मत, स्वास्थ्य सुविधाओं और ठहरने की व्यवस्था पर भी काम तेजी से चल रहा है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से यात्रा से पहले पंजीकरण कराने और मौसम की जानकारी लेने की सलाह दी है।

 

आगंतुकों: 23923055
आखरी अपडेट: 20th Apr 2025