मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बुधवार को नई दिल्ली में बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) के पहले प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। आगामी कुछ वर्षों में ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों में औसतन 10 मतदान केंद्रों पर एक बीएलओ के आधार पर 1 लाख से अधिक बूथ स्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
इस दौरान मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने इस बात पर बल दिया कि संविधान के अनुच्छेद 326 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 20 के अनुसार, केवल सामान्य रूप से निर्वाचन क्षेत्र में निवास करनेवाले 18 वर्ष से अधिक आयु के भारत के नागरिकों को मतदाता के रूप में पंजीकृत किया जा सकता है। उन्होंने सभी सीईओ, डीईओ, ईआरओ को अपने-अपने स्तर पर सर्वदलीय बैठकें आयोजित करने और मतदाता सूची को सही तरीके से अद्यतन करने सहित अपने अधिकार क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए दिए गए निर्देशों का उल्लेख किया।
उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि ईआरओ या बीएलओ के विरुद्ध किसी भी शिकायत पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि सभी बीएलओ को मतदाता सूची अद्यतन करने के लिए घर-घर जाकर सत्यापन के दौरान मतदाताओं के साथ बातचीत में विनम्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयोग लगभग 100 करोड़ मतदाताओं के साथ खड़ा था, है और हमेशा खड़ा रहेगा।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, यह अनूठा क्षमता निर्माण कार्यक्रम कई चरणों में चलेगा। इसके पहले चरण में चुनाव वाले राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। वर्तमान में, बिहार, पश्चिम बंगाल और असम के 109 बीएलओ इस 2 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। साथ ही, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, केरल, पुडुचेरी और तमिलनाडु के 24 निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) और 13 जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) भी इसमें भाग ले रहे हैं।
इस प्रशिक्षण की योजना इस तरह से बनायी गयी है ताकि बूथ स्तर के अधिकारियों को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, मतदाता पंजीकरण नियम 1960 और समय-समय पर जारी आयोग के निर्देशों के अनुसार उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों से परिचित कराया जाय और वे मतदाता सूचियों के त्रुटि रहित रूप से अद्यतन करने के लिए प्रासंगिक फॉर्म भरने की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हों। साथ ही उन्हें इस काम में सहायता के लिए डिज़ाइन किए गए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) संबंधी अनुप्रयोगों से परिचित कराया जाएगा।