केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने बुधवार को ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान की शुरुआत की। बाल विवाह के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान के अवसर पर “बाल विवाह मुक्त भारत” ऑनलाइन पोर्टल का लोकार्पण किया। विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि बाल विवाह मुक्ति के लिए समाज के हर वर्ग को आगे आना होगा और इस सामाजिक कुप्रथा को जड़ से समाप्त करने में अपना योगदान देना होगा। देश की हर बेटी को सशक्त बनाने का आह्वान करते हुए उन्होंने “बाल विवाह मुक्त भारत” के प्रति अपने योगदान की प्रतिज्ञा ली।
देश के लिंगानुपात दर में सुधार
अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि आज देश के लिंगानुपात दर में सुधार आया है। साल 2014-15 में देश में प्रति एक हजार पुरुष के मुकाबले महिलाओं का लिंगानुपात 918 था जो 2023-24 में बढ़कर 930 हो गया है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत 18 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़कों के विवाह पर सख्त प्रतिबंध है। इसका उल्लंघन करने वालों पर कठोर दंड का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि पिछले साल एक लाख से अधिक बाल विवाह रोकने में सफलता मिली है। बाल विवाह दरों में वैश्विक कमी में भारत के योगदान को संयुक्त राष्ट्र ने मान्यता दी है।
बेटियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रदान कर सशक्त बनाने का उद्देश्य
उन्होंने आगे कहा कि इस अभियान का उद्देश्य हमारी बेटियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है। लैंगिक समानता को प्राथमिकता देने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप हमारी सरकार लड़कियों की शिक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण का समर्थन देने की योजना को जारी रखे हुए है। अभियान का शुभारंभ केवल एक कार्यक्रम नहीं है बल्कि यह बाल विवाह को मिटाने और हमारे देश की हर बेटी को सशक्त बनाने का एक मिशन है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर लड़की शिक्षित, सुरक्षित और अपने सपनों को पूरा करने के लिए स्वतंत्र हो।
बाल विवाह मुक्त भारत बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम
बाल विवाह के खिलाफ इस राष्ट्रव्यापी अभियान का पुरजोर समर्थन करते हुए ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ एलायंस के संस्थापक भुवन ऋभु ने कहा कि बाल विवाह मुक्त भारत के सपने को पूरा करने के लिए काम कर रहे सभी लोगों के लिए आज एक नई शुरुआत है। हम लंबी यात्रा तय कर इस मुकाम पर पहुंचे हैं और महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी की इस पहल से हमारे प्रयासों को व्यापक रूप से मजबूती मिलेगी। हम बाल विवाह मुक्त भारत बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाने के लिए सरकार के आभारी हैं, क्योंकि हम जानते हैं कि यह देश से बाल विवाह की सदियों पुरानी कुप्रथा के अंत की शुरुआत है। अभियान के लक्ष्यों के साथ एकरूपता में जेआरसी के सहयोगी संगठन बाल विवाह के खिलाफ बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियाने चला रहे हैं। गठबंधन का मानना है कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान पंचायतों, धार्मिक नेताओं, सामुदायिक कार्यकर्ताओं, सामुदायिक नेताओं के साथ जमीनी स्तर पर उनके प्रयासों को और मजबूती देगा। गठबंधन बाल विवाह की रोकथाम के लिए नीतियों, कानून प्रवर्तन, सतत जागरूकता और तकनीक का इस्तेमाल जारी रखेगा।