भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के प्रवक्ता संजय भारद्वाज ने मंगलवार को बताया कि बंगाल की खाड़ी में उठे भीषण चक्रवर्ती तूफान रेमल से लोगों की सुरक्षा एवं बचाव के लिए चलाए गए अभियान में तटरक्षक बल ने शानदार काम किया है।
भारद्वाज ने न्यूज एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार के साथ बातचीत में कहा कि समुद्री बेड़े और नौकाओं को बचाने में आईसीजी ने केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया है। इस समन्वय के कारण पश्चिम बंगाल तट के समीप समुद्र में बड़े पैमाने पर जीवन और संपत्तियों के नुकसान को रोका जा सका। चक्रवात के आगमन को देखते हुए आईसीजी ने तूफान के रास्ते से पूरे व्यापारी बेड़े की सक्रिय निगरानी की। रणनीतिक मोड सुनिश्चित करने के लिए जहाजों विमानों और तट-आधारित निगरानी प्रणालियों को तैनात किया गया।
उन्होंने बताया कि हल्दिया एवं पारादीप में आईसीजी के रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशनों से समय पर अलर्ट प्रसारित किए गए। मछली पकड़ने वाले मछुआरों की नौकाओं और पारगमन व्यापारी जहाजों को समय रहते चेतावनी दी गई। रेमल के लैंडफॉल के बाद आईसीजी जहाज वरद चक्रवात के बाद का आकलन करने के लिए तुरंत पारादीप से रवाना हुआ।
इसके अतिरिक्त दो आईसीजी डोर्नियर विमानों ने भुवनेश्वर से उड़ान भरी और उत्तरी बंगाल की खाड़ी में व्यापक निगरानी की। भारतीय नौसेना ने भी मानवीय सहायता और आपदा राहत के लिए कार्रवाई किया नौसेना की तैयारी के अंतर्गत दो जहाजों को राहत और बचाव के लिए तैयार रखा गया। सी किंग और चेतक हेलीकॉप्टर्स, डोर्नियर विमानों, गोताखोर टीमों और बाढ़ राहत टीमें भी तैयार रखी गई थीं।