प्रतिक्रिया | Tuesday, May 06, 2025

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ओएमसी का संयुक्त मुनाफा वित्त वर्ष 2024 में सालाना आधार पर 25 गुना से भी अधिक बढ़ा

सरकारी स्वामित्व वाली तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के लिए वित्त वर्ष 2023-24 अत्‍यंत शानदार रहा है। बड़ी तेजी से बदलती भू-राजनीति और कच्चे तेल की कीमतों में व्यापक उतार-चढ़ाव होने के बावजूद तेल विपणन कंपनियों ने न केवल किफायती दरों पर ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित की है, बल्कि इन कंपनियों ने सराहनीय वार्षिक परिणाम जारी करके शेयरधारकों का विश्वास भी काफी हद तक बढ़ा दिया है।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में तेल विपणन कंपनियों का संयुक्त लाभ 86,000 करोड़ रुपये रहा, जो असाधारण रूप से कठिन रहे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 25 गुना अधिक है। 2023-24 के पूरे वित्त वर्ष में एचपीसीएल ने पिछले वर्ष के 6,980 करोड़ रुपये के घाटे के मुकाबले 16,014 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड शुद्ध लाभ कमाया। इसी तरह आईओसीएल ने ऐतिहासिक सर्वश्रेष्ठ रिफाइनरी उत्‍पादन, बिक्री मात्रा और शुद्ध लाभ के साथ एक उत्कृष्ट वर्ष का समापन किया।

वित्त वर्ष 2023-24 में बीपीसीएल का कर पश्चात लाभ 26,673 करोड़ रुपये रहा जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में लगभग 13 गुना अधिक है। इसके अलावा ‘प्रोजेक्ट एस्पायर’ के तहत 5 वर्षों में 1.7 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना बनाई गई है जो कि इसके शेयरधारकों के लिए दीर्घकालिक मूल्य सुनिश्चित करने की इसकी प्रतिबद्धता को दिखाता है।

कंपनी परिणामों की घोषणा के बाद बीपीसीएल और एचपीसीएल के शेयर भावों में उछाल के साथ बाजार ने इन पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। इसके अलावा, विश्लेषकों ने इसके शानदार प्रदर्शन का संज्ञान लिया है और उनमें से कई ने इसे खरीदने की सलाह भी दी है, जो इसके वार्षिक प्रदर्शन और चालू वित्त वर्ष के लिए इसके आउटलुक की मजबूत पुष्टि है।

उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने कामकाज में स्वतंत्रता और जवाबदेही के सही मिश्रण से ओएमसी की क्षमता को उन्मुक्त कर दिया है। सरकार इनके व्यावसायिक निर्णयों से अपनी पूरी दूरी बनाए रखती है, जबकि ‘विकसित भारत, 2047’ के विजन के अनुरूप इनकी महत्वाकांक्षी योजनाओं को पूर्ण समर्थन और प्रोत्साहन देती है।

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आखरी अपडेट: 6th May 2025