भारत का अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संघ शनिवार (14 सितंबर, 2024) को संयुक्त रूप से वर्ली, मुंबई स्थित नेहरू विज्ञान केंद्र में “भगवान बुद्ध के मध्यम मार्ग द्वारा भविष्य के वैश्विक नेतृत्व को मार्गदर्शन” विषय पर एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू कार्यक्रम में मुख्य़ अतिथि होंगे। इस दौरान बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की विरासत का भी सम्मान किया जाएगा।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने आज एक प्रेस रिलीज में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि “वैश्विक नेतृत्व को प्रोत्साहन देने में बौद्ध धर्म की भूमिका” विषय पर 14 सितंबर को मुंबई में सम्मेलन का आयोजन होगा। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू “भगवान बुद्ध के मध्यम मार्ग द्वारा भविष्य के वैश्विक नेतृत्व को मार्गदर्शन” विषय पर आयोजित सम्मेलन में सम्मिलित होंगे। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संघ इस सम्मेलन का आयोजन कर रहें हैं।
कार्यक्रम का उद्देश्य धम्म अनुयायियो को दार्शनिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय विविधता के मध्य वैश्विक मूल्यों का प्रसार और आंतरिकीकरण पर मार्ग पर विचार-विमर्श तथा मिल-जुलकर कार्य कर व्यक्तिगत और वैश्विक रूप से वर्तमान की चुनौतियो का सामना कर विश्व के भविष्य के लिए सतत मॉडल का प्रस्ताव देना है। सम्मेलन में आधुनिक बौद्ध धर्म में अपरिहार्य योगदान प्रदान करने वाले बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की विरासत का भी सम्मान किया जाएगा।
मंत्रालय ने बताया कि सम्मेलन में 3 विषयों पर आधुनिक समय में बौद्ध धम्म की भूमिका और प्रासंगिकता”, “सचेत प्रौद्योगिकी की महत्ता” और “नवीन नेतृत्व और बौद्ध धम्म का क्रियान्वयन” पर सत्रो का आयोजन होगा। संयुक्त रूप से इन पैनलों में भगवान बुद्ध की शिक्षा और धम्म के सिद्धांतो पर विचार विमर्श का किया जाएगा।