प्रतिक्रिया | Friday, April 25, 2025

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केंद्र सरकार के मिशन अमृत सरोवर पहल ने जल संकट के गंभीर मुद्दे को हल करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। जनवरी 2025 तक 68,000 से अधिक सरोवर पूरे हो चुके हैं, इससे विभिन्न क्षेत्रों में सतही और भूजल उपलब्धता में वृद्धि हुई है। यह जानकारी लोकसभा में एक लिखित उत्तर में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने दी।

ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार मिशन अमृत सरोवर अप्रैल 2022 में शुरू किया गया था, इसका उद्देश्य प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर (तालाब) बनाना या उनका पुनरुद्धार करना है, जिनकी कुल संख्या पूरे देश में 50,000 है। इस पहल ने जल संकट के गंभीर मुद्दे को हल करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। जनवरी 2025 तक 68,000 से अधिक सरोवर पूरे हो चुके हैं, इससे विभिन्न क्षेत्रों में सतही और भूजल उपलब्धता में वृद्धि हुई है।

इन सरोवरों ने न केवल तत्काल जल आवश्यकताओं को पूरा किया है, बल्कि स्थायी जल स्रोत भी स्थापित किए हैं, जो दीर्घकालिक पर्यावरणीय स्थिरता और सामुदायिक कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

वहीं, मिशन अमृत सरोवर के दूसरे चरण में जल उपलब्धता सुनिश्चित करने पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया जाएगा, इसमें सामुदायिक भागीदारी (जन भागीदारी) को मुख्य रखा जाएगा। इसका उद्देश्य जलवायु लचीलापन मजबूत करना, पारिस्थितिकी संतुलन को बढ़ावा देना और भावी पीढ़ियों को स्थायी लाभ पहुंचाना है।

मिशन अमृत सरोवर के काम राज्यों और जिलों द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा), 15वें वित्त आयोग अनुदान, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की उप-योजनाओं जैसे वाटरशेड विकास घटक, हर खेत को पानी, के अलावा राज्यों की अपनी योजनाओं के साथ मिलकर किए जा रहे हैं।

इसके अलावा काम के लिए क्राउडफंडिंग और कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व जैसे सार्वजनिक योगदान की भी अनुमति है।

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आखरी अपडेट: 24th Apr 2025