प्रतिक्रिया | Wednesday, July 03, 2024

CSIR- CMERI ने छोटे किसानों की जरूरत के लिए ट्रैक्टर किया विकसित, रांची के MSME ने संयंत्र लगाने में दिखाई रुचि

सीएसआईआर-सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CSIR- CMERI) ने सीमांत और छोटे किसानों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कम हॉर्स पावर रेंज का एक कॉम्पैक्ट, किफायती और आसानी से चलने योग्य ट्रैक्टर विकसित किया है। रांची स्थित एमएसएमई (MSME)
ने ट्रैक्टर के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए संयंत्र स्थापित कर इसके निर्माण में रुचि दिखाई है। वे विभिन्न राज्य सरकार की निविदाओं के माध्यम से किसानों को सब्सिडी दरों पर विकसित ट्रैक्टर की आपूर्ति करने की योजना बना रहे हैं।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आज एक बयान जारी कर जानकारी दी, ट्रैक्टर को 9 एचपी डीजल इंजन के साथ 8 फॉरवर्ड और 2 रिवर्स स्पीड, पीटीओ के साथ 6 स्प्लिन 540 आरपीएम के साथ विकसित किया गया है। ट्रैक्टर का कुल वजन लगभग 450 किलोग्राम है, जिसके आगे और पीछे के पहिये का आकार क्रमशः 4.5-10 और 6-16 है। व्हीलबेस, ग्राउंड क्लीयरेंस और टर्निंग रेडियस क्रमशः 1200 मिमी, 255 मिमी और 1.75 मीटर हैं।

दरअसल भारत में सीमांत और छोटे किसानों की संख्या 80 प्रतिशत से अधिक है। उनकी एक बड़ी आबादी अभी भी बैल चालित खेती पर निर्भर है, जिसमें परिचालन लागत, रखरखाव लागत और रिटर्न एक चुनौती है। बड़े ट्रैक्टर छोटे किसानों के लिए अनुपयुक्त हैं और अधिकांश छोटे किसानों के लिए उनकी पहुंच से बाहर हैं।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का कहना है कि यह खेती को गति देने में मदद कर सकता है, बैलगाड़ी को लगने वाले कई दिनों की तुलना में इसे कुछ ही घंटों में पूरा कर सकता है। किसानों की पूंजी और रखरखाव लागत को भी कम कर सकता है। इसलिए, किफायती कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर छोटे और सीमांत किसानों के लिए बैल चालित हल की जगह ले सकता है।

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आखरी अपडेट: 3rd Jul 2024