रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज बुधवार को नई दिल्ली में मालदीव के रक्षा मंत्री मो.घासन मौमून के साथ बैठक कर दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति मोहम्मद मुईज्जू की भारत यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देने वाली थी। उन्होंने भारत और मालदीव के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, भाषाई संबंधों को “करीबी और बहुआयामी” बताया। राजनाथ सिंह ने मालदीव को भारत की ‘पड़ोसी प्रथम नीति’ में एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि लाना है।
उन्होंने भारतीय महासागर क्षेत्र में दोनों देशों की संयुक्त भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि भारत और मालदीव ‘सागर’ (सभी के लिए सुरक्षा और विकास) ढांचे के तहत मिलकर काम कर रहे हैं। बैठक में भारत और मालदीव के बीच रक्षा सहयोग पर भी चर्चा हुई, जिसमें प्रशिक्षण कार्यक्रम, संयुक्त अभ्यास और रक्षा उपकरणों की आपूर्ति जैसे विषय शामिल थे। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भरोसा दिलाया कि भारत मालदीव को क्षमता निर्माण और विकास आवश्यकताओं में हर संभव सहयोग देता रहेगा।
भारत और मालदीव के संबंध ऐतिहासिक,सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संबंधों पर आधारित हैं। भारत ने 1965 में मालदीव की स्वतंत्रता के बाद उसे मान्यता दी थी। गौरतलब है कि मालदीव की भारत के पश्चिमी तट के पास स्थिति और समुद्री व्यापार मार्गों पर मौजूदगी इसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाती है। मालदीव की अर्थव्यवस्था में पर्यटन उद्योग का अहम योगदान। जो इसके सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 25 फीसदी हिस्सा है जो बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर प्रदान करता है।