प्रतिक्रिया | Thursday, February 13, 2025

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रक्षा मंत्रालय ने बीडीएल के साथ किया अनुबंध, नौसेना के खरीदी जाएंगी मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें

देश की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने नौसेना के लिए मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की खरीद के लिए मंजूरी दे दी है। इसी के तहत गुरुवार को खरीद करार फाइनल हो गया। रक्षा मंत्रालय ने एमआरएसएएम की आपूर्ति के लिए भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) के साथ लगभग 2,960 करोड़ रुपये का करार किया। नई दिल्ली में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में रक्षा मंत्रालय और बीडीएल अधिकारियों ने इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किए।

नौसेना के कई जहाजों पर लगाई जाती है एमआरएसएएम प्रणाली 

एमआरएसएएम प्रणाली भारतीय नौसेना के कई जहाजों पर लगाई जाती है और इसे भविष्य में अधिकांश प्लेटफार्मों पर फिट करने की योजना है। यह अनुबंध भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने और उन्नत सैन्य प्रौद्योगिकी को स्वदेशी बनाने के चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार आत्मनिर्भर भारत पर जोर देते हुए इन मिसाइलों में ज्यादातर स्वदेशी सामग्री होगी। इस अनुबंध से विभिन्न एमएसएमई सहित रक्षा उद्योग में लगभग 3.5 लाख मानव दिवसों का रोजगार सृजित होगा।

हाल ही में शामिल किए गए INS ‘सूरत’ मिसाइलों से होगी लैस

मुंबई के नेवल डाकयार्ड में 15 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों नौसेना के बेड़े में शामिल किए गए आईएनएस ‘सूरत’ को मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस किया जाना है। यह प्रोजेक्ट 15बी स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक का चौथा और अंतिम जहाज है। इससे पहले पिछले तीन वर्षों में इसी प्रोजेक्ट के तीन जहाजों विशाखापत्तनम, मोरमुगाओ और इम्फाल को नौसेना के बेड़े में शामिल किया जा चुका है। सूरत की डिलीवरी भारतीय नौसेना की स्वदेशी विध्वंसक निर्माण परियोजना का समापन है।

इसलिए खास है एमआरएसएएम प्रणाली

एमआरएसएएम प्रणाली को डीआरडीओ और इजरायली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। इसमें एमएसएमई सहित भारतीय सार्वजनिक और निजी रक्षा उद्योग की भी सक्रिय भागीदारी है। भारत डायनेमिक्स लिमिटेड में निर्मित एमआरएसएएम से नौसेना की ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रति प्रतिबद्धता प्रदर्शित हुई है। हवाई रक्षा के लिए एमआरएसएएम हर मौसम में 360 डिग्री पर काम करने वाली हवाई रक्षा प्रणाली है, जो किसी भी संघर्ष क्षेत्र में विविध तरह के खतरों के खिलाफ संवेदनशील क्षेत्रों की हवाई सुरक्षा करेगी। एमआरएसएएम का वजन करीब 275 किलोग्राम, लंबाई 4.5 मीटर और व्यास 0.45 मीटर है। इस मिसाइल पर 60 किलोग्राम तक हथियार लोड किए जा सकते हैं।

डीआरडीओ के अनुसार यह मिसाइल दो स्टेज की है, जो लॉन्च होने के बाद कम धुआं छोड़ती है। एमआरएसएएम एक बार लॉन्च होने के बाद 70 किलोमीटर के दायरे में आने वाली किसी भी मिसाइल, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर, ड्रोन और निगरानी विमानों को मार गिराने में पूरी तरह से सक्षम है। यह 2469.6 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से दुश्मनों पर प्रहार और हमला कर सकती है।         

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आखरी अपडेट: 13th Feb 2025