दिल्ली की एक विशेष अदालत ने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत को 12 दिन और बढ़ाने का आदेश दिया है। सुनवाई के दौरान एनआईए ने अदालत को बताया कि राणा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है और सवालों के जवाब टाल रहा है। एनआईए ने जोर देकर कहा कि मामले की गहराई से जांच और राणा से और जानकारी लेने के लिए उसकी हिरासत बढ़ाना जरूरी है।
एनआईए की ओर से अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान ने पैरवी की, जबकि राणा की ओर से लीगल सर्विसेज के वकील पीयूष सचदेव ने बचाव पक्ष रखा। राणा के वकील ने अतिरिक्त हिरासत का विरोध करते हुए कहा कि अब और हिरासत की कोई आवश्यकता नहीं है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एनआईए के विशेष न्यायाधीश चरण जीत सिंह ने राणा को 12 दिन की और एनआईए हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
तहव्वुर हुसैन राणा एक पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक है, जो पहले पाकिस्तान सेना में डॉक्टर के रूप में कार्यरत था। 1990 के दशक में वह कनाडा चला गया और 2001 में कनाडाई नागरिकता हासिल की। बाद में वह शिकागो में बस गया, जहां उसने कई व्यवसाय शुरू किए, जिसमें एक इमिग्रेशन कंसल्टेंसी भी शामिल थी। उसे इस महीने की शुरुआत में अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया था। राणा पर 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में कथित भूमिका निभाने का आरोप है। इन हमलों को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया था, जिसमें 170 से अधिक लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे। हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था।
राणा का नाम लंबे समय से उन लोगों की सूची में शामिल था जिन्हें भारत 26/11 हमलों के लिए जिम्मेदार मानता है। राणा की प्रत्यर्पण प्रक्रिया और अब भारत में चल रही पूछताछ भारत सरकार के उस निरंतर प्रयास का हिस्सा है, जिसके तहत सभी दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने की कोशिश की जा रही है।-(ANI)