राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। दिवाली के बाद लगातार आठवें दिन भी शहर धुंध की चादर में लिपटा हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक आज शुक्रवार की सुबह 8 बजे दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 383 दर्ज किया गया।
तिलक मार्ग पर धुंध के कारण विजिबिलिटी घट गई और आसपास के क्षेत्रों में AQI 349 पर पहुंच गया। SAFAR-इंडिया के मुताबिक अलीपुर में AQI 397, बवाना में 440, द्वारका सेक्टर-8 में 391, मुंडका में 428, नजफगढ़ में 374, न्यू मोती बाग में 427, रोहिणी में 439, पंजाबी बाग में 406 और आरके पुरम में 406 दर्ज किया गया है। इन सभी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ और ‘गंभीर’ श्रेणी में है, जिससे स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो रहे हैं।
श्रद्धालुओं ने झाग से भरी यमुना में खड़े होकर छठ पूजा के अंतिम दिन उगते सूर्य को दिया अर्घ्य
इसी बीच, दिल्ली के कालिंदी कुंज में यमुना घाट पर श्रद्धालुओं ने छठ पूजा के अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। आज सुबह 6:55 बजे ड्रोन से ली गए तस्वीर में कालिंदी कुंज में यमुना नदी में जहरीला झाग तैरता हुआ दिखाई दे रहा है। गुरुवार को भी छठ पूजा के तीसरे दिन भी श्रद्धालुओं ने झाग से भरी यमुना नदी में खड़े होकर अस्त होते सूर्य को अर्घ्य दिया। इसी को देखते हुए एक जनहित याचिका भी (PIL) दायर की गई, जिसमें यमुना नदी के किनारे छठ पूजा करने की अनुमति मांगी गई, लेकिन दिल्ली के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने यह कहकर नदी में पूजा करने की अनुमति देने से मना कर दिया था कि इससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। उन्होंने हालिया मामले का भी हवाला दिया जिसमें एक व्यक्ति प्रदूषित पानी में डुबकी लगाने के बाद बीमार हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
कोर्ट ने यह भी बताया कि लगभग 1,000 वैकल्पिक स्थानों को पूजा के लिए नामित किया गया है और इन स्थानों पर पूजा के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इसके परिणामस्वरूप, याचिका को खारिज कर दिया गया। गौरतलब है कि AQI को ‘खराब’ श्रेणी में ‘200 से 300’, ‘बहुत खराब’ में ‘301 से 400’, ‘गंभीर’ में ‘401 से 450’ और 450 से ऊपर ‘बहुत गंभीर’ माना जाता है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बीते मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण स्तर के मुद्दे पर संबंधित विभागों के साथ बैठक की। गोपाल राय ने प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए उत्तर भारतीय राज्यों को मिलकर एक साथ प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया।