अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वैश्विक व्यापार तनाव (टैरिफ वाॅर) की वजह से 2025 के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास अनुमान को घटाकर 2.8 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 3.3 प्रतिशत था। बावजूद इसके, भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर सकारात्मक उम्मीद जताई गई है। IMF ने कहा है कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर 2025 में 6.2 प्रतिशत और 2026 में 6.3 प्रतिशत रहने की संभावना है।
IMF ने यह पूर्वानुमान वाशिंगटन में आज मंगलवार को जारी अप्रैल 2025 की ‘विश्व आर्थिक परिदृश्य (World Economic Outlook)’ रिपोर्ट में दिया। इसमें कहा गया कि अमेरिका द्वारा 2 अप्रैल 2025 को प्रमुख व्यापारिक साझेदारों और क्षेत्रों पर नए टैरिफ लगाने से वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता और गिरावट आई है। इसका असर दुनिया की आर्थिक वृद्धि पर पड़ेगा, लेकिन भारत की स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर बनी रहेगी।
भारत की मजबूती का कारण ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती निजी खपत को बताया गया है, जिसने आर्थिक विकास को समर्थन दिया है। जनवरी 2025 में IMF ने भारत की विकास दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था, लेकिन टैरिफ और वैश्विक अनिश्चितताओं को देखते हुए इसे घटाकर 6.2 प्रतिशत किया गया है।
दूसरी ओर, अमेरिका की विकास दर 2025 में घटकर 1.8 प्रतिशत और 2026 में 1.7 प्रतिशत रहने की संभावना है। चीन की विकास दर भी 2025 में घटकर 4.0 प्रतिशत और 2026 में 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी हाल ही में मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है। यह कटौती अमेरिका के टैरिफ में बढ़ोतरी से उत्पन्न वैश्विक जोखिमों को ध्यान में रखकर की गई है।
IMF ने वैश्विक व्यापार में भी कमी का अनुमान जताया है। रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में वैश्विक व्यापार केवल 1.7 प्रतिशत बढ़ेगा, जो कि जनवरी 2025 के 3.2 प्रतिशत अनुमान से काफी कम है। रिपोर्ट में टैरिफ प्रतिबंधों की बढ़ती संख्या और चक्रीय आर्थिक कारकों के कमजोर होने को इसकी वजह बताया गया है।-(With Input IANS)