प्रतिक्रिया | Monday, November 25, 2024

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अक्षय तृतीया पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई पुण्य की डुबकी

अक्षय तृतीया का पर्व शुक्रवार को तीर्थनगरी हरिद्वार में श्रद्धा पूर्वक मनाया जा रहा है। कई स्थानों पर चिरंजीवी भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना की गई। देश के कई प्रांतों से आए श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर अक्षय पुण्य की प्राप्ति की। स्नान के पश्चात लोगों ने दान आदि कर्म किए। तीर्थनगरी के आश्रम-अखाड़ों में भी अक्षय तृतीया के पर्व पर कई प्रकार के धार्मिक आयोजन हुए।

अक्षय तृतीय पर्व भगवान परशुराम, नर-नारायण और हयग्रीव का अवतार हुआ था। मान्यता है कि वैशाख शुक्ल तृतीया के दिन ही सतयुग और त्रेता युग का प्रारम्भ हुआ था। इस दिन को अबूझ मुहूर्त तिथि व सिद्धियां प्राप्ति का दिन माना जाता है। इस दिन को पूर्ण तिथि पर्व भी कहा जाता है। इसी कारण से आज श्रद्धालुओं ने हर की पौड़ी ब्रह्मकुण्ड समेत गंगा के विभिन्न घाटों पर अक्षय पुण्य की डुबकी लगाई। लोगों ने स्नान के पश्चात मंदिरों में देव दर्शन किए और दान-पुण्य आदि कर्म किए। इस दिन स्वर्ण दान का विशेष महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि इस दिन किये पाप व पुण्य जन्म जन्मांतरों तक नष्ट नहीं होते।

तीर्थनगरी के आश्रम-अखाड़ों में भी अक्षय तृतीया का पर्व श्रद्धा के साथ मनाया गया। अलग-अलग स्थानों से आए श्रद्धालुओं ने हवन-यज्ञ के साथ दान आदि कर्म कर सुख-समृद्धि की कामना की।

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आखरी अपडेट: 25th Nov 2024