केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज शनिवार को नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में पीएम युवा 2.0 योजना के तहत 41 नई किताबों का विमोचन किया। इस अवसर पर त्रिपुरा के राज्यपाल इंद्रसेन रेड्डी नल्लू मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान मंत्री ने उन 41 युवा लेखकों को बधाई दी जिनकी किताबें इस मंच पर लॉन्च हुईं। उन्होंने कहा कि इन युवा लेखकों की रचनात्मकता और लेखन भारतीय साहित्य को समृद्ध बनाएंगे और बौद्धिक चर्चा को एक नई दिशा देंगे।
केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पीएम युवा योजना के विजन के लिए धन्यवाद देते हुए इसे राष्ट्रीय आंदोलन का रूप लेने वाली पहल बताया। उन्होंने कहा कि यह योजना उभरते हुए लेखकों को मार्गदर्शन और मंच प्रदान करती है जिससे वे भारतीय संस्कृति, इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम और भाषा-साहित्य से जुड़ी कहानियों को उजागर कर सकें। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय भाषाओं में किताबों को बढ़ावा देना एक राष्ट्रीय मिशन है और पीएम युवा योजना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है।
उन्होंने हाल ही में बजट में घोषित ‘भारतीय भाषा पुस्तक योजना’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह पहल इस मिशन को और गति देगी। उन्होंने नेशनल बुक ट्रस्ट (NBT) की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था भारतीय भाषाओं में साहित्य को बढ़ावा देने के लिए टेक्नोलॉजी को अपनाए और भारतीय साहित्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए घरेलू और विदेशी प्रकाशकों के साथ सहयोग करे।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायक पर आधारित पुस्तक ‘द सागा ऑफ कुडोपली : द अंसंग स्टोरी ऑफ 1857’ के हिंदी अनुवाद का विमोचन किया। उन्होंने घोषणा की कि यह पुस्तक जल्द ही 12 भारतीय और 2 विदेशी भाषाओं में उपलब्ध होगी जिससे इसे और अधिक पाठकों तक पहुंचाया जा सकेगा। इसके बाद धर्मेंद्र प्रधान ने पुस्तक मेले के प्रदर्शनी हॉल का दौरा किया और NBT को इस भव्य आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने इस पुस्तक मेले को ज्ञान-कुंभ बताते हुए कहा कि यह एक ऐसा मंच है जहां नए लेखक, साहित्य प्रेमी और पुस्तक प्रेमी आपस में जुड़ सकते हैं नई किताबों को खोज सकते हैं और साहित्य में डूब सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह मेला भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता का उत्सव है जहां लोग विभिन्न भाषाओं की किताबों से जुड़ सकते हैं।