देश के प्रत्यक्ष कर संग्रह में इजाफा हुआ है। 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2023-34 में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह सालाना आधार पर 17.7 फीसदी बढ़कर 19.58 करोड़ रुपये रहा है। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह राशि 16.64 लाख करोड़ रुपये थी।
वित्त मंत्रालय ने रविवार को जारी बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2023-34 में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह सालाना आधार पर 17.7 फीसदी बढ़कर 19.58 करोड़ रुपये रहा है। यह राशि संशोधित अनुमानों से बहुत ज्यादा है। मंत्रालय के अनुसार आयकर और कॉरपोरेट कर संग्रह वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान बजट अनुमानों से 1.35 लाख करोड़ रुपये (7.40 फीसदी) और संशोधित अनुमानों से 13 हजार करोड़ रुपये अधिक रहा है। इनकी प्रत्यक्ष कर संग्रह में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है।
मंत्रालय ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के आंकड़ों के हवाले से बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 में सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह (अनंतिम) 18.48 फीसदी बढ़कर 23.37 लाख करोड़ रुपये हो गया। रिफंड के बाद शुद्ध आय 17.7 फीसदी बढ़कर 19.58 लाख करोड़ रुपये रही है। सीबीडीटी ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में कुल 3.79 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया है। मंत्रालय के मुताबिक अनंतिम प्रत्यक्ष कर संग्रह (रिफंड को छोड़कर) बजट अनुमान से 7.40 फीसदी और संशोधित अनुमान से 0.67 फीसदी अधिक है।
आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान रिफंड के समायोजन से पहले प्रत्यक्ष करों का सकल संग्रह (अनंतिम) 23.37 लाख करोड़ रुपये रहा। यह राशि वित्त वर्ष 2022-23 के 19.72 लाख करोड़ रुपये के सकल संग्रह से 18.48 फीसदी अधिक है। वहीं, वित्त वर्ष 2023-24 में सकल कॉरपोरेट कर संग्रह (अनंतिम) इससे पिछले वित्त वर्ष के 10 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 13.06 फीसदी बढ़कर 11.32 लाख करोड़ रुपये हो गया।
सीबीडीटी के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में शुद्ध कॉरपोरेट कर संग्रह (अनंतिम) 9.11 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष के 8.26 लाख करोड़ रुपये से 10.26 फीसदी अधिक है। वहीं, इस अवधि में प्रतिभूति लेन-देन कर (अनंतिम) सहित सकल व्यक्तिगत आयकर संग्रह 12.01 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष के 9.67 लाख करोड़ रुपये के संग्रह से 24.26 फीसदी अधिक है।
इस दौरान एसटीटी (अनंतिम) सहित शुद्ध व्यक्तिगत आयकर संग्रह 10.44 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष के 8.33 लाख करोड़ रुपये से 25.23 फीसदी अधिक है। सीबीडीटी ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में 3.79 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए है, जो वित्त वर्ष 2022-23 में जारी किए गए 3.09 लाख करोड़ रुपये के रिफंड से 22.74 फीसदी अधिक है।
उल्लेखनीय है कि 31 मार्च, 2024 को समाप्त वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में इस वित्त वर्ष के लिए कर संग्रह 18.23 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था, जिसे बाद में संशोधित कर 19.45 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। प्रत्यक्ष कर संग्रह के आंकड़े अर्थव्यवस्था में उछाल और व्यक्तियों तथा कॉरपोरेट की आय में वृद्धि को दर्शाते हैं।
(इनपुट- हिन्दुस्थान समाचार)