देश में संविधान के 75 साल पूरे होने पर लोकसभा में शुक्रवार से दो दिन की चर्चा शुरू हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को इस पर अपनी राय रखेंगे। निचले सदन की कार्य सूची में लिखा गया है, “भारत के संविधान की 75 साल की शानदार यात्रा पर चर्चा।” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संविधान पर बहस की शुरुआत करेंगे।
भाजपा और कांग्रेस ने अपने सभी सदस्यों को 13-14 दिसंबर को सदन में मौजूद रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है।
प्रश्नकाल के बाद तुरंत चर्चा शुरू होगी, जो सदन के एजेंडे में भी है। लोकसभा कार्यक्रम के अनुसार, सात मंत्री अपने-अपने विभागों से जुड़े मुद्दों पर कागजात पेश करेंगे और विभिन्न समितियां अपनी रिपोर्ट देंगी।
दोनों पार्टियों ने गुरुवार को बैठक की, ताकि वे अपनी रणनीति तैयार कर सकें।
रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने भी रणनीति को लेकर बैठक की। जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल थे। गृह मंत्री ने बीजेपी के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ भी एक बैठक की।
विपक्षी कांग्रेस पार्टी की एक बैठक पार्टी मुख्यालय में हुई। इसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, के.सी. वेणुगोपाल, जयराम रमेश और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
25 नवंबर से शुरू हुआ संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को खत्म होने की उम्मीद है। अब तक इस सत्र में सोरोस के साथ कांग्रेस के संबंध समेत कई मुद्दों पर हंगामा हुआ है। इस सत्र के दौरान संविधान पर बहस विपक्ष की प्रमुख मांग रही है।
बहस का मुख्य ध्यान 26 नवंबर, 1949 को संविधान को अपनाने के बाद से इसके महत्व और विकास पर होगा। भारतीय संविधान सभा ने औपचारिक रूप से संविधान को 26 जनवरी, 1950 को लागू किया, जिसके साथ ही भारत एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित हुआ।
भारत सरकार ने 2015 में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। तब से, हर साल इस दिन संविधान को अपनाने का जश्न मनाया जाता है।