बांग्लादेश के ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) में एक छात्र की मौत के बाद चिकित्साकर्मियों पर हुए हमले के विरोध में बांग्लादेश में सार्वजनिक और निजी अस्पतालों में चिकित्सकों ने रविवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा की। प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने हमले के दोषियों के खिलाफ तत्काल कानूनी और दंडात्मक कार्रवाई की मांग की, साथ ही काम पर लौटने की पूर्व शर्त के रूप में कार्यस्थलों पर सुरक्षा की भी मांग की।
सभी सार्वजनिक और निजी अस्पताल पूरी तरह बंद रखने की घोषणा की
देश भर के चिकित्सकों ने चार सूत्री मांगों को लेकर एक सितंबर से सभी सार्वजनिक और निजी अस्पतालों को पूरी तरह बंद रखने की घोषणा की है। उनकी मांगों में शनिवार रात को ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) में चिकित्सकों पर हमले में शामिल लोगों की गिरफ्तारी भी शामिल है।
नर्सों ने भी चिकित्सकों के साथ एकजुटता व्यक्त की और काम पर आने से किया इनकार
प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने डीएमसीएच परिसर में मीडिया से कहा, “जितनी जल्दी वे हमारी मांगें मान लेंगे, उतना ही बेहतर होगा। हमारी मांगें पूरी होते ही हम (मरीजों का) इलाज शुरू कर देंगे।” उन्होंने कहा कि नर्सों ने भी चिकित्सकों के साथ एकजुटता व्यक्त की और काम पर आने से इनकार कर दिया।
सशस्त्र “स्वास्थ्य पुलिस” की तैनाती से तत्काल सुरक्षा उपाय करने की मांग
यह पूछे जाने पर कि यदि इलाज के अभाव में किसी की मौत हो जाती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा, प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने कहा कि ऐसी किसी भी घटना के लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा। चिकित्सकों ने देश की सभी स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में सशस्त्र “स्वास्थ्य पुलिस” की तैनाती के माध्यम से तत्काल सुरक्षा उपाय करने की मांग की। (इनपुट-हिंदुस्थान समाचार)