प्रतिक्रिया | Monday, September 16, 2024

हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में मौसम के सटीक पूर्वानुमान के लिए डॉप्लर मौसम रडार लगाया जाएगा, इससे मौसम विभाग को बड़ी मदद मिलेगी। दिसम्बर 2025 तक लाहौल-स्पीति में एक्स बैंड डॉप्लर मौसम रडार स्थापित कर दिया जाएगा। राज्यसभा सांसद डॉक्टर सिकंदर कुमार द्वारा शुक्रवार को संसद में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी।

डॉप्लर रडार की स्थापना व संचालन पर 13.87 करोड़ रुपये खर्च किए गए

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में तीन डॉप्लर मौसम रडार क्रियाशील हैं। शिमला जिला के कुफ़री, मंडी जिला के मुरारी देवी और चम्बा जिला के जोत में तीन एक्स बैंड डॉप्लर मौसम रडार स्थापित कर चालू किये गए हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश में इन डॉप्लर रडार की स्थापना व संचालन पर 13.87 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उन्होंने बताया कि मौसम पूर्वानुमान अनेक प्रेक्षण प्रणालियों से डेटा का इस्तेमाल करके किया जाता है और मंत्रालय देश भर में मौसम पूर्वानुमान में बेहतर सटीकता प्राप्त करने के लिए प्रेक्षणात्मक व अनुसंधान एवं विकास अवसंरचना को बढाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।

डाप्लर रडार से आपदा के नियंत्रण में मिलेगी मदद

लाहौल-स्पीति में स्थापित रडार जनजातीय क्षेत्र में मौसम की निगरानी के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इससे मौसम और आपदाओं से संबंधित सटीक जानकारी मिल सकेगी। दरअसल लाहौल-स्पीति सहित राज्य के उच्च पर्वतीय इलाकों में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बना रहता है। यहां डाप्लर रडार लगने से मौसम विभाग को प्राकृतिक आपदाओं की सटीक जानकारी मिल सकेगी। लाहौल-स्पीति का डॉप्लर रडार आपदाओं के पूर्व अनुमान की सटीक जानकारी देगा और इससे आपदा पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकेगा। डॉप्लर रडार मौसम विभाग को लगातार डेटा भेजेगा, जिससे प्राकृतिक आपदाओं से पहले अलर्ट होकर आपदाओं से जानमाल के नुकसान से बचने में मदद मिलेगी।

मानसून सीजन में हर साल भारी वर्षा से मचाती है तभी

प्रदेश में मानसून के मौसम में भारी वर्षा से हर साल तबाही होती है। इस दौरान जगह-जगह बादल फटने की घटनाएं सामने आती हैं। दो दिन पहले शिमला के रामपुर, कुल्लू के निरमंड और मंडी के चुहारघाटी में बादल फटने से आए सैलाब से कई लोग मारे गए हैं। पिछले साल मानसून के दौरान राज्य में आई आपदा में 500 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इसके अलावा सर्दियों में भारी बर्फबारी से लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों में लोगों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। ऐसे में लाहौल-स्पीति में लगने वाला डॉप्लर रडार से संवदेनशील क्षेत्रों में भारी वर्षा और हिमपात की स्थिति में नुकसान को कम करने के लिए त्वरित उपाय करने में मदद मिलेगी।

डॉप्लर रडार से संवदेनशील क्षेत्रों में भारी वर्षा और हिमपात की स्थिति में नुकसान को कम करने के लिए त्वरित उपाय करने में मदद करेगा। इससे न केवल बहुमूल्य जीवन को सुरक्षित किया जा सकेगा, बल्कि मौसम सम्बंधी सटीक जानकारी भी समय पर उपलब्ध हो सकेगी।

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आखरी अपडेट: 16th Sep 2024