वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 3 अप्रैल को नई दिल्ली में ‘पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (पीएमजीएस-एनएमपी) पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता डीपीआईआईटी के अपर सचिव (लॉजिस्टिक्स) राजीव सिंह ठाकुर ने की, जिसका उद्देश्य आर्थिक/उपयोगकर्ता मंत्रालयों/विभागों को पीएम गतिशक्ति एनएमपी पर जीआईएस डेटा लेयर को शामिल करने के साथ-साथ योजना निर्माण के लिए मंच का उपयोग करने के लाभों के बारे में जागरूक करना और इस संबंध में हुई प्रगति की समीक्षा करना था। इंफ्रास्ट्रक्चर और सामाजिक सेक्टर के मंत्रालयों द्वारा की गई महत्वपूर्ण प्रगति को स्वीकार करते हुए, इस कार्यशाला में आर्थिक एवं उपयोगकर्ता मंत्रालयों को पीएमजीएस-एनएमपी प्लेटफॉर्म का प्रभावी ढंग से लाभ उठाने में सक्षम बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
इस कार्यक्रम की शुरुआत पीएम गतिशक्ति पर एक विचारशील वीडियो के साथ हुई, जिसके बाद डीपीआईआईटी के लॉजिस्टिक्स प्रभाग द्वारा एक व्यापक प्रस्तुति दी गई, जिसमें इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के अवलोकन, प्रगति, लाभ और भावी परिदृश्य पर प्रकाश डाला गया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने आज (शुक्रवार) एक प्रेस रिलीज में कहा कि राजीव सिंह ठाकुर ने समेकित योजना और सामाजिक-आर्थिक बुनियादी ढांचे के समग्र विकास के लिए अपनाए जाने वाले पीएम गतिशक्ति सिद्धांतों को रेखांकित किया। उन्होंने सभी संबंधित मंत्रालयों और राज्य सरकारों को शामिल करते हुए एकीकृत योजना और सामंजस्यपूर्ण परियोजना कार्यान्वयन को बढ़ावा देकर, भारत के बुनियादी ढांचे को नया आकार देने के लिए एक व्यापक और टिकाऊ रणनीति के रूप में पीएमजीएस-एनएमपी पर बल दिया। इंफ्रस्टरक्चर और सामाजिक सेक्टर के मंत्रालयों द्वारा की गई महत्वपूर्ण प्रगति को स्वीकार करते हुए, इस कार्यशाला में आर्थिक एवं उपयोगकर्ता मंत्रालयों को पीएमजीएस-एनएमपी प्लेटफॉर्म का प्रभावी ढंग से लाभ उठाने में सक्षम बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
इस कार्यशाला में आयोजित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से यह निष्कर्ष निकला, मंत्रालयों और विभागों को सक्रिय रूप से पीएमजीएस-एनएमपी पर विभिन्न डेटा लेयर की पहचान कर उसे अपलोड करना चाहिए, डेटा प्रबंधन के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) विकसित करनी चाहिए और पीएमजीएस-एनएमपी का उपयोग करके स्वतंत्र रूप से परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों की योजना बनाने और विशिष्ट योजना उपकरण विकसित करने के लिए क्षमता बढ़ानी चाहिए।
मंत्रालय ने बताया कि पीएमजीएस-एनएमपी प्लेटफॉर्म के उपयोग से उपयोगकर्ताओं को लाभ प्राप्त होने के साथ-साथ शहरी परिवहन, सड़क मार्ग, रेलवे आदि जैसे अवसंरचना क्षेत्र में सफल उपयोग के मामले सामने आए हैं। पीएमजीएस-एनएमपी के उपयोग ने निजी क्षेत्र के लिए अवसंरचना निवेश के जोखिम को बहुत हद तक कम कर दिया है, मंत्रालयों/विभागों और राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों के लिए प्रचालनों और निर्णय लेने की प्रक्रिया को विवेकसंगत बना दिया है।
गौरतलब है, गतिशक्ति दृष्टिकोण उपयोगकर्ताओं को अधिकतम कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए आपदा प्रबंधन, सामाजिक सेक्टर की परिसंपत्तियों का स्थान, पर्यटन सर्किट के विकास आदि की योजना बनाने में भी मदद कर रहा है।