आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) और वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) में अंतर के बारे में जानकारी देने के लिए एक विशेष अभियान चला रहा है, जिसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2024 है।
आयकर विभाग ने बुधवार को ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी एक बयान में करदाताओं से कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आपके एआईएस और आईटीआर में दर्ज आय के बीच मिसमैच के लिए कृपया अपने वार्षिक सूचना विवरण की समीक्षा करें। विभाग ने करदाताओं से आग्रह करते हुए कहा कि कृपया ध्यान दें। 31 दिसंबर, 2024 तक संशोधित या विलंबित आईटीआर दाखिल करें और इस अवसर को न चूकें।
यह पहल ई-वेरिफिकेशन स्कीम, 2021 के कार्यान्वयन का हिस्सा है। इस कैंपेन के हिस्से के रूप में, करदाताओं और गैर-फाइलरों को एसएमएस और ईमेल के जरिए सूचना को लेकर संदेश भेजे गए हैं, जहां एआईएस में दर्ज लेन-देन और दाखिल आईटीआर के बीच अंतर की पहचान की गई है।
सीबीडीटी के बयान के अनुसार, इन संदेशों का उद्देश्य उन व्यक्तियों को याद दिलाना और मार्गदर्शन करना है, जिन्होंने अपने आईटीआर में अपनी आय का पूरा खुलासा नहीं किया है, ताकि वे इस अवसर का लाभ उठाकर वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रिवाइज्ड या विलंबित आईटीआर दाखिल कर सकें। रिवाइज्ड या विलंबित आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2024 है। वित्त वर्ष 2021-22 से संबंधित मामलों के लिए, करदाता 31 मार्च, 2025 की सीमा तिथि तक अपडेटेड आईटीआर दाखिल कर सकते हैं।
करदाता एआईएस पोर्टल के माध्यम से एआईएस में दी गई जानकारी से असहमति सहित अपनी प्रतिक्रिया भी दे सकते हैं, जिसे ई-फाइलिंग वेबसाइट के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है। यह पहल अनुपालन को सरल बनाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए आयकर विभाग की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।