प्रतिक्रिया | Sunday, January 19, 2025

  • Twitter
  • Facebook
  • YouTube
  • Instagram

East Asia Summit : पीएम मोदी ने शांति और प्रगति के लिए स्वतंत्र, खुला और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को बताया जरूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को लाओस में आयोजित ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान इस बात पर जोर दिया कि शांति और प्रगति के लिए एक स्वतंत्र, खुला और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र बहुत जरूरी है। उन्होंने चीन के दक्षिण चीन सागर में आक्रामक रुख पर इशारा करते हुए कहा कि हमें विकास पर ध्यान देने की आवश्यकता है न कि विस्तारवाद पर।

पीएम मोदी ने कहा कि समुद्री गतिविधियों को संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून (UNCLOS) के तहत संचालित होना चाहिए और क्षेत्रीय देशों की विदेश नीति पर किसी तरह की पाबंदियां नहीं होनी चाहिए। पीएम ने कहा कि नेविगेशन और वायु क्षेत्र की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना आवश्यक है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत हमेशा आसियान की एकता का समर्थन करता रहा है। आसियान भारत के इंडो-पैसिफिक दृष्टिकोण और क्वाड सहयोग का केंद्र बिंदु है। इस साल जुलाई में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान, चारों देशों ने क्षेत्र के सतत विकास, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक नजरिया अपनाया।

गौरतलब है कि ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन की शुरुआत 2005 में हुई थी और इसमें भाग लेने वाले देशों के प्रमुखों की वार्षिक बैठक होती है। शुरुआत में इसमें 16 देश शामिल थे, जिसमें ASEAN सदस्य देश, ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूज़ीलैंड और दक्षिण कोरिया थे। 2011 में छठे शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका और रूस भी इसमें शामिल हो गए। बीते गुरुवार को पीएम मोदी ने 21वें ASEAN-भारत शिखर सम्मेलन में भी भाग लिया। पीएम मोदी का दो दिवसीय लाओस दौरा इस लिहाज से खास है क्योंकि भारत अपनी ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ के 10 साल मना रहा है, जिसने दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ भारत के राजनयिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

आगंतुकों: 15143267
आखरी अपडेट: 18th Jan 2025