चुनाव आयोग ने पार्टियों के प्रचार अभियान को अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनाने के लिए सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को होर्डिंग्स सहित छपवाई गई चुनाव-संबंधी सामग्री पर मुद्रक और प्रकाशक का स्पष्ट नाम व पता दिए जाने को अनिवार्य तौर पर लागू कराने के निर्देश दिए हैं।
चुनाव आयोग द्वारा आज एक जारी एक प्रेस रिलीज में बताया गया कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू के पूर्ण आयोग ने इस संबंध में प्राप्त शिकायतों पर यह निर्णय लिया है।
उल्लेखनीय है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 127ए में स्पष्ट है कि मुद्रक या प्रकाशक के नाम तथा पते के बिना चुनाव पैम्फलेट, पोस्टर, तख्तियां या बैनर की छपाई नहीं की जा सकती। इससे चुनावी अभियानों का खर्च विनियमित होता है और आदर्श आचार संहिता या वैधानिक प्रावधानों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित होती है।