मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनावी प्रक्रियाओं में विश्वास को खत्म करने वाले फर्जी आख्यानों के प्रति सावधानी बरतने का आग्रह किया। कल गुरुवार को न्यू दिल्ली में आयोजित ‘वैश्विक चुनाव वर्ष 2024: लोकतांत्रिक स्थानों की पुनरावृत्ति, ईएमबी के लिए सीख’ विषय पर सम्मेलन में उन्होंने कहा कि ऐसे फर्जी आख्यान आमतौर पर चुनाव प्रक्रिया के महत्वपूर्ण मोड़ पर उसके महत्वपूर्ण पहलुओं को निशाना बनाने के लिए गढ़े जाते हैं।
भारत का चुनाव आयोग नई दिल्ली में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है। इस सम्मेलन में लगभग 13 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों (ईएमबी) और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि समकालीन चुनाव प्रबंधन के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा के लिए एकत्रित हो रहे हैं। सम्मेलन में ईएमबी के प्रमुख और उप प्रमुख भाग ले रहे हैं जिनमें मॉरीशस के चुनाव आयुक्त अब्दुल रहमान मोहम्मद इरफान, भूटान के सीईसी दाशो सोनम तापगे, कजाकिस्तान गणराज्य के अध्यक्ष और सीईसी नूरलान अब्दिरोव, नेपाल के सीईसी दिनेश के. थापलिया, नामीबिया के चुनाव आयोग की अध्यक्ष एल्सी नघीकेम्बुआ, इंडोनेशिया के आम चुनाव आयोग के आयुक्त इधम होलिक, रूसी संघ की एल्मीरा खैमुरज़िना, श्रीलंका की अनुसूया शानमुगनाथन, ट्यूनीशिया की नजला अब्रूगुई और उजबेकिस्तान के बखरोम कुचकारोव भाग ले रहे हैं।
इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि जैसे इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (आईएफईएस) के अध्यक्ष और सीईओ एंथनी नाथन बानबरी और ए-वेब और इंटरनेशनल आईडीईए के महासचिव इन-सिक-जंग भी सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
इसमें भूटान, जॉर्जिया, नामीबिया, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, आयरलैंड, मॉरीशस, फिलीपींस, रूसी संघ, ट्यूनीशिया और नेपाल सहित 13 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के लगभग 30 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
अपने मुख्य भाषण में सीईसी राजीव कुमार ने कहा कि चुनौतियों और जटिलताओं के बीच लोकतांत्रिक मूल्यों की पुष्टि के लिए 2024 ईएमबी के लिए एक निर्णायक वर्ष था। उन्होंने दक्षता, पारदर्शिता और मतदाता विश्वास बढ़ाने में प्रौद्योगिकी और डिजिटल नवाचारों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है, लेकिन यह अपने साथ साइबर सुरक्षा खतरों और गलत सूचना जैसी चुनौतियां भी लाती है। राजीव कुमार ने ईएमबी से इन तकनीकी चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतियों को कारगर बनाने का आग्रह किया ताकि जोखिमों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
इस दौरान उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, मॉरीशस, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान के चुनाव प्रबंधन निकायों ने 2024 के अपने चुनावी अनुभवों को साझा किया और लाइव चुनावों में चुनावी अखंडता को प्रभावित करने वाले सोशल मीडिया पर गलत सूचना, भ्रामक सूचना और फर्जी आख्यानों के बारे में अपनी चिंताएं प्रकट कीं।
इसके अलावा, सीईसी कुमार ने चुनावों के भविष्य को आकार देने वाले प्रमुख रुझानों को भी रेखांकित किया, जिसमें एआई-संचालित प्रक्रियाएं, ऑनलाइन और दूरस्थ मतदान, बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और वैश्विक सहयोग में वृद्धि शामिल है और सभी प्रतिभागियों से चुनावों को अधिक पारदर्शी, समावेशी और सुलभ बनाने में तकनीकी प्रगति के साथ अवसरों का पता लगाने का आह्वान किया।
सम्मेलन के पहले दिन के सत्र में – चुनाव प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और चुनाव प्रबंधन पर उनका प्रभाव, समावेशी और सुलभ चुनावों के लिए चुनावी समानता को बढ़ावा देना तथा क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर चर्चा हुई।