भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार सुबह 9:17 बजे नया रॉकेट एसएसएलवी डी-3 लॉन्च किया। साथ ही ईओएस-08 मिशन के तौर पर नया अर्थ ऑब्जरवेशन सेटेलाइट की लॉन्चिंग की गई। इसरो प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ ने लॉन्चिंग की सफलता की जानकारी देते हुए पूरी टीम को इसके लिए बधाई दी।
ईओएस- 08 पृथ्वी की निगरानी करने के साथ पर्यावरण और आपदा को लेकर जानकारी देगा। साथ ही तकनीकी प्रदर्शन भी करेगा। इसमें तीन अत्याधुनिक पेलोड हैं- इलेक्ट्रो ऑप्टिकल इन्फ्रारेड पेलोड (ईओआईआर), ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम-रिफ्लेक्टोमेट्री पेलोड (जीएनएसएस-आर) और एसआईसी यूवी डोसिमीटर। इसरो के मुताबिक अपने नियोजित एक वर्ष के मिशन जीवन के साथ ईओएस-08 महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेगा।
EOS-08 सैटेलाइट मेनफ्रेम सिस्टम जैसे एकीकृत एवियोनिक्स सिस्टम में एक महत्वपूर्ण एडवांसमेंट को चिह्नित करता है, जिसे संचार, बेसबैंड, स्टोरेज और पोजिशनिंग (सीबीएसपी) पैकेज के रूप में जाना जाता है। इस सिस्टम को कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ (COTS) घटकों और मूल्यांकन बोर्डों का उपयोग करके कोल्ड रिडंडेंट सिस्टम के साथ डिजाइन किया गया है, जो 400 जीबी तक डेटा स्टोरेज का सपोर्ट करता है।
इसके अतिरिक्त, उपग्रह में PCB के साथ एम्बेडेड एक संरचनात्मक पैनल, एक एम्बेडेड बैटरी, एक माइक्रो-DGA (डुअल जिम्बल एंटीना), एक M-PAA (फेज़्ड ऐरे एंटीना), और एक लचीला सौर पैनल भी शामिल है, जो ऑनबोर्ड प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के लिए प्रमुख घटकों के रूप में कार्य करता है।
सफल लॉन्चिंग के बाद इसरो प्रमुख डॉ. एस. सोमनाथ ने कहा कि हमारी लॉन्चिंग सही है। सैटेलाइट सही जगह पर पहुंच गई है। अब हम कह सकते हैं कि एसएसएलवी रॉकेट की तीसरी डिमॉन्सट्रेशन उड़ान सफल रही है। अब हम इस रॉकेट की टेक्निकल जानकारी इडंस्ट्री को शेयर करेंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा मात्रा में रॉकेट्स बन सके।
(इनपुट- हिन्दुस्थान समाचार)