श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बुधवार 20 दिसंबर 2023 को ईपीएफओ का डेटा जारी किया है। आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर 2022-23 के दौरान लगभग 7.72 लाख नए सदस्य ईपीएफओ के सामाजिक सुरक्षा कवरेज के तहत आए हैं।
वहीं पेरोल से संबंधित ईपीएफओ के अनंतिम आंकड़ों से यह जानकारी भी मिलती है कि ईपीएफओ ने अक्टूबर, 2023 के महीने में 15.29 लाख नेट सब्सक्राइबर जोड़े हैं। साल-दर-साल तुलना में अक्टूबर 2022 के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में नेट पेरोल में लगभग में 18.22% की वृद्धि हुई है।
18-25 आयु वर्ग के 58.60% और महिलाओं की संख्या में 15% बढ़ोतरी
खास बात यह है कि इसमें नए युवा, महिलाओं के अलावा वे लोग भी शामिल हैं, जो ईपीएफओ से बाहर चले गए थे लेकिन अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने की बजाय ईपीएफओ के अंतर्गत आने वाले प्रतिष्ठानों से जुड़कर नौकरी करने लगे।
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक इनमें शामिल नए सदस्यों में 18-25 आयु वर्ग के 58.60 प्रतिशत और महिला सदस्यों की संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।
वहीं पेरोल डेटा के लिंग-वार विश्लेषण से भी पता चलता है कि कुल 7.72 लाख नए सदस्यों में से लगभग 2.04 लाख नई महिला सदस्य हैं, जो पहली बार ईपीएफओ में शामिल हुई हैं। इसके अलावा, महीने के दौरान नेट महिला सब्सक्राइबर की संख्या लगभग 3.03 लाख रही, जो पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में लगभग 15% अधिक है।
ईपीएफओ से बाहर गए 11.10 लाख सदस्य दोबारा से शामिल
ईपीएफओ से बाहर गए 11.10 लाख सदस्य दोबारा से शामिल हो गए। इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदल ली है। ईपीएफओ से बाहर निकलने वाले सदस्यों की संख्या पिछले 12 महीनों में सबसे कम रही ।
5 राज्यों में जोड़े गए 9.01 लाख नेट सब्सक्राइबर
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के मुताबिक महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक और हरियाणा में ईपीएफओ के सदस्यों की संख्या में 58.92 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज हुई जिसमें महीने के दौरान कुल 9.01 लाख सदस्य जुड़े। सभी राज्यों में से, महाराष्ट्र महीने के दौरान 22.04% नेट सब्सक्राइबर जोड़कर अग्रणी है।
मोटे तौर पर देखा जाए तो इनमें होटल उद्योग, चाय प्रतिष्ठानों, व्यापारिक और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, भारी-भरकम रसायनों, जीवन बीमा,वार्षिकियां आदि की पेशकश करने वाली कंपनियों में काम करने वाले सदस्यों की कुल संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।