प्रतिक्रिया | Saturday, July 27, 2024

ईपीएफओ कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर कदम उठाने को लेकर कर रहा विचार

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) माननीय कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा हाल ही में जारी किए गए निर्णय को महत्व दे रहा है। यह निर्णय कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 के अनुच्छेद 83 और कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 के अनुच्छेद 43ए में उल्लिखित अंतरराष्ट्रीय श्रमिकों के लिए विशिष्ट प्रावधानों से संबंधित है, जिन्हें संविधान के अनुच्छेद 14 के साथ असंगत माना गया था। ईपीएफओ इस निर्णय के अनुसरण में कार्रवाई के तरीके का सक्रिय रूप से मूल्यांकन कर रहा है।

श्रम और रोजगार मंत्रालय के अनुसार भारत के वर्तमान में 21 देशों के साथ सामाजिक सुरक्षा समझौते हैं। ये समझौते इन देशों के कर्मचारियों के लिए पारस्परिक आधार पर निरंतर सामाजिक सुरक्षा कवरेज सुनिश्चित करते हैं। जब इन देशों के नागरिक एक-दूसरे के क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त करते हैं, तो उनका सामाजिक सुरक्षा कवरेज निर्बाध रहता है।

इन समझौतों का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय रोजगार के दौरान कर्मचारियों के निर्बाध सामाजिक सुरक्षा कवरेज की गारंटी देना है। ये समझौते भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय आवाजाही को बढ़ावा देने और जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाने के क्रम में बहुत महत्वपूर्ण हैं। ईपीएफओ ऐसे सामाजिक सुरक्षा समझौतों के लिए भारत में संचालन एजेंसी के रूप में कार्य करता है।

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आखरी अपडेट: 26th Jul 2024