रोजगार के मोर्चे पर देश के लिए अच्छी खबर है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने फरवरी में नेट (शुद्ध रूप से) 15.48 लाख सदस्य जोड़े हैं। इस दौरान करीब 7.78 लाख नए सदस्यों ने ईपीएफओ के साथ नामांकन कराया। सेवानिवृत्त कोष का प्रबंधन करने वाले निकाय ईपीएफओ ने यह जानकारी दी है।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने शनिवार को जारी बयान में बताया कि ईपीएफओ के अनंतिम पेरोल आंकड़ों के मुताबिक फरवरी के महीने में शुद्ध रूप से 15.48 लाख सदस्य जोड़े गए हैं। फरवरी, 2024 के दौरान पहली बार करीब 7.78 लाख नए सदस्यों ने नामांकन कराया है। आंकड़ों के मुताबिक इनमें 18 से 25 आयु वर्ग के अधिकांश सदस्य हैं। इनकी संख्या फरवरी 2024 में जोड़े गए कुल नए सदस्यों का 56.36 फीसदी है। यह दर्शाता है कि संगठित कार्यबल में शामिल होने वाले अधिकांश व्यक्ति युवा हैं।
पेरोल डेटा से पता चलता है कि लगभग 11.78 लाख सदस्य ईपीएफओ की योजना से बाहर निकल गए थे, वो फिर से ईपीएफओ में शामिल हो गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदल ली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए। मंत्रालय के मुताबिक इन्होंने अपने कोष को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना।
आंकड़ों के मुताबिक ईपीएफओ में फरवरी में शामिल 7.78 लाख नए सदस्यों में से करीब 2.05 लाख महिला सदस्य हैं। इसके अलावा इस दौरान जोड़े गए शुद्ध महिला सदस्यों की संख्या लगभग 3.08 लाख रही। ईपीएफओ के आंकड़ों से यह पता चलता है कि महिला सदस्यों का जुड़ना अधिक समावेशी और विविध कार्यबल की ओर व्यापक बदलाव का संकेत है।