बिहार की जानी मानी लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार को निधन हो गया। उन्होंने एम्स में रात 9 बजकर 20 मिनट पर अंतिम सांस ली। एम्स प्रशासन के अनुसार शारदा सिन्हा का सेप्टिसीमिया के परिणामस्वरूप रिफ्रैक्टरी शॉक के कारण रात 9.20 बजे निधन हो गया।
शारदा सिन्हा को 26 अक्टूबर को एम्स में भर्ती कराया गया था और पिछले 11 दिनों से वे चिकित्सा देखभाल में थीं। जैसे-जैसे उनकी हालत बिगड़ती गई, उन्हें ऑन्कोलॉजी वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया, जहाँ मल्टीपल मायलोमा (एक प्रकार का रक्त कैंसर) से उनकी लड़ाई लगातार मुश्किल होती गई। छठ पर्व का पर्याय बन चुके अपने भावपूर्ण गायन के लिए जानी जाने वाली सिन्हा 2018 से इस बीमारी से जूझ रही थीं।
इससे पहले मंगलवार को दिन में एम्स प्रशासन ने एक्स पर जानकारी साझा करते हुए बताया था कि प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का एम्स, नई दिल्ली में इलाज चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी स्थिति पर करीब से नज़र रख रहे हैं और इलाज कर रहे डॉक्टरों के सीधे संपर्क में हैं। इसके बाद रात को एम्स प्रशासन ने बताया कि शारदा सिन्हा का सेप्टिसीमिया के परिणामस्वरूप रिफ्रैक्टरी शॉक के कारण रात 9.20 बजे निधन हो गया।
1970 के दशक से शारदा सिन्हा के शानदार करियर ने भोजपुरी, मैथिली और हिंदी लोक संगीत को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। क्षेत्रीय संस्कृति में गहराई से निहित उनकी संगीत विरासत ने उन्हें 2018 में पद्म भूषण और क्षेत्रीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिलाया।